Vedanta Limited: जाने-माने उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड को अपने डीमर्जर के प्रस्ताव के लिए 75% सिक्योर्ड क्रेडिटर्स (लेनदार) से मंजूरी मिल गई है। क्रेडिटर्स ने कंपनी को इसके लिए स्टॉक एक्सचेंजों से मंजूरी लेने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके बाद डीमर्जर स्कीम को मंजूरी के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल के सामने पेश किया जाएगा।
वेदांता लिमिटेड ने पिछले साल इस कंपनी को 6 अलग-अलग कंपनियों में बांटने का फैसला किया था। ये इकाइयां कुछ इस तरह होंगी:
वेदांता एल्युमीनियम
वेदांता ऑयल एंड गैस
वेदांता पावर
वेदांता स्टील एंड फेरस मटीरियल्स
वेदांता बेस मेटल्स और
वेदांता लिमिटेड
इस डीमर्जर के तहत शेयरहोल्डर्स को मौजूदा लिस्टेड इकाइयों के एक शेयर के बदले डीमर्जर वाली इकाई में एक शेयर मिलेगा। वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बताया, ‘ हमारे बिजनेस के डीमर्जर से 6 मजबूत कंपनियां बनेंगी। हर कंपनी अपने लिहाज से वेदांता होगी। इससे जबरदस्त वैल्यू अनलॉक होगी।’ मैनेजमेंट का कहना है कि डीमर्जर से वेदांता के कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को आसान बनाने में मदद मिलेगी और ग्लोबल इनवेस्टर्स को अलग-अलग तरह की कंपनियों में सीधे निवेश का मौका मिलेगा।
वेदांता ने हाल में अपना QIP लॉन्च किया था, जिसके जरिये 8,500 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इसके लिए कंपनी ने बोर्ड और शेयरहोल्डर्स से मंजूरी मांगी थी। शेयर बाजार में 30 जुलाई को वेदांता का स्टॉक 0.3 पर्सेंट की गिरावट के साथ 447.4 रुपये पर बंद हुआ। इस साल अब तक यह स्टॉक 74 पर्सेंट चढ़ चुका है।