इनकम टैक्स फाइल करने के आखिरी दिन की उल्टी गिनती जारी है। सिर्फ एक दिन बचा है। हम सभी जानते हैं कि 31 जुलाई रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख होती है। ऐसे में जो लोग इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। उन्हें इनकम टैक्स एक्ट 1916 के तहत टैक्स फाइल करना जरूरी होता है। लेकिन भारत में सिक्किम एक ऐसा राज्य है, जहां की जनता अगर करोड़ों रुपये भी कमाएं तो भी उन्हें धेला भर भी टैक्स नहीं देना होता है। यानी इस राज्य के लोग टैक्स के मामले से कोसों दूर हैं। यहां की 95 फीसदी आबादी टैक्स के दायरे से बाहर है।
सिक्किम के मूल निवासियों को इनकम टैक्स में छूट (Sikkim Income Tax Exemption) आजादी के बाद से ही मिली हुई है। हालांकि, अब देश में सिक्किम के लोगों को इनकम टैक्स देने से मिली छूट को बंद करने की मांग भी उठ रही है। कई लोगों का कहना है कि सिक्किम के मूल निवासी इस छूट का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसका फायदा बाहरी लोग भी उठा रहे हैं। कुछ लोग इसे भारत का टैक्स हैवन भी कहते हैं।
क्या है TAX Free State होने की वजह?
सिक्किम एक शर्त के कारण देश का इकलौता टैक्स फ्री राज्य बना हुआ है। दरअसल, साल साल 1975 में सिक्किम का भारत में विलय हुआ था। उस समय ये शर्त रखी गई कि वो पुराने कानून को ही अपनाना चाहते हैं। अपना स्टेटस स्पेशल बनाए रखने के लिए सिक्किम ने इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 1916 को अपनाने से मना कर दिया था। इस शर्त को भारत ने भी मान लिया था। इसकी वजह से सिक्किम, इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत टैक्स फ्री राज्य है। बता दें कि सिक्किम को भारतीय संविधान के आर्टिकल 371-F के तहत विशेष दर्जा मिला हुआ है।
धारा 10 (26AAA) के तहत क्या है नियम?
धारा 10 (26AAA) के तहत सिक्किम का निवासी इनकम टैक्स के दायरे में शामिल नहीं किया जाएगा। भारत में सिक्किम के विलय से पहले जो लोग निवासी हैं, उन्हें सेक्शन 10 (26AAA) के तहत टैक्स से छूट मिलती है। भले ही वो लोग Sikkim Subjects Regulations, 1961 के रजिस्टर में हिस्सा हो या न हों।