ITR filing 2024: आगामी 31 जुलाई को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन खत्म होने वाली है। अब तक 6 करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। अब ज्यादातर टैक्सपेयर रिफंड का इंतजार कर रहे हैं। जिन व्यक्तियों ने वित्तीय वर्ष के लिए अतिरिक्त टैक्स का भुगतान किया है, वे आईटीआर फॉर्म जमा करने पर इनकम टैक्स रिफंड प्राप्त करने के पात्र हैं।
ई-वेरिफिकेशन है जरूरी
रिफंड की प्रोसेसिंग के लिए यह जरूरी है कि रिटर्न ई-वेरिफाई हो। आईटीआर के ई-वेरिफिकेशन के बाद रिफंड लगभग 4 से 5 सप्ताह के भीतर टैक्सपेयर के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है। जब पात्र व्यक्तियों को इनकम टैक्स रिफंड का भुगतान करना होगा, तो रिफंड राशि इलेक्ट्रॉनिक रूप से आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
रिफंड में देरी क्यों
आपके रिफंड में देरी हो सकती है क्योंकि आयकर विभाग को अतिरिक्त जानकारी की जरूरी हो सकती है। इसके अलावा टैक्स कैल्कुलेशन में गड़बड़ी होने पर भी रिफंड में देरी संभव है। गलत बैंक अकाउंट डिटेल होने पर या अकाउंट वेरिफिकेशन में गड़बड़ी पर रिफंड में दिक्कत हो सकती है।
6 करोड़ रिटर्न दाखिल किए जा चुके
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित आय के लिए करीब छह करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं जिनमें से 70 प्रतिशत रिटर्न नई कर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैं। इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.61 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए थे।
संजय मल्होत्रा ने कहा कि बजट में घोषित व्यापक आयकर समीक्षा के पीछे का विचार टैक्स कानून को सरल बनाना है। मल्होत्रा ने कहा कि हम एक मसौदा तैयार करेंगे और फिर सुझाव मांगेंगे। बता दें कि भारत में इस समय व्यक्तिगत आयकर की दो व्यवस्थाएं हैं। पुरानी आयकर व्यवस्था में कर की दरें अपेक्षाकृत अधिक हैं, लेकिन करदाता को कई तरह की छूट एवं कटौतियों का दावा करने का विकल्प है। वहीं नई कर व्यवस्था में कर की दरें कम हैं, लेकिन छूट या कटौतियों का दावा करने का विकल्प नहीं है।