Footwear Price: 1 अगस्त से जूते की कीमत बढ़ाने के लिए नए क्वालिटी स्टैंडर्ड तय किए जा रहे हैं। 1 अगस्त से जूते के लिए नए क्वालिटी स्टैंडर्ड तय किए जा रहे हैं। अगले महीने से बाजार में बिकने वाले जूते, सैंडल और चप्पलों को भारतीय स्टैंडर्ड ब्यूरो (BIS) के क्वालिटी बनाए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। 1 अगस्त 2024 से लागू होने वाले क्वालिटी नियंत्रण आदेश (QCO) में कहा गया है कि फुटवियर मैन्युफैक्चर नए मानकों का पालन करें। रिवाइज BIS मानदंड 1 अगस्त 2024 से लागू हो जाएंगे
फुटवियर इंडस्ट्री पर फोकस
1 अगस्त 2024 से BIS मानदंडों में सबसे प्रमुख बदलाव फुटवियर इंडस्ट्री से संबंधित हैं।
सख्त क्वालिटी स्टैंडर्ड: फुटवियर मैन्युफैक्चरओं को अब आईएस 6721 और आईएस 10702 दिशानिर्देशों का पालन करना होगा, जो कच्चे माल, मैन्युफैक्चरिंग और स्थायित्व पर जरूरी आवश्यकताओं को लागू करते हैं।
कीमतों पर प्रभाव: इन नए मानकों को पूरा करने से जुड़ी बढ़ी हुई लागत के कारण, यह उम्मीद है कि जूते की कीमत बढ़ सकती है। हालांकि, नियम लागू होने के बाद इस पर नजर रखी जाएगी।
मौजूदा स्टॉक पर मिलेगा छूट पीरियड: सेलर पुराने स्टॉक को बेचना जारी रख सकते हैं लेकिन उन्हें इस इन्वेंट्री की जानकारी BIS वेबसाइट पर रजिस्टर करनी होगा।
46 आइटम होंगी प्रभावित: कुल मिलाकर, 46 फुटवियर आइटम रिवाइज BIS मानदंडों के अधीन होंगे।
छूट: BIS नियम 50 करोड़ रुपये से कम सालाना कारोबार वाले मैन्युफैक्चरओं पर लागू नहीं होता है।
आम लोगों को होगा फायदा
बेहतर उत्पाद क्वालिटी: उपभोक्ता बेहतर स्थायित्व और सुरक्षा सुविधाओं के साथ बेहतर क्वालिटी वाले जूते की उम्मीद कर सकते हैं। नए मानदंडों से फुटवियर बाजार का एकीकरण हो सकता है क्योंकि छोटे खिलाड़ियों को सख्त नियमों का पालन करना चुनौतीपूर्ण लग सकता है।
BIS का मतलब ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स है। यह भारत का राष्ट्रीय स्टैंडर्ड निकाय है। BIS मानदंड आम तौर पर मैन्युफैक्चरओं, उपभोक्ताओं, विशेषज्ञों और सरकारी प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति-आधारित प्रक्रिया के माध्यम से विकसित किए जाते हैं।