एकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO इस हफ्ते ओपन होगा। रिटेल निवेशक 30 जुलाई से 1 अगस्त तक IPO के लिए बिडिंग कर सकेंगे। 6 अगस्त को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर लिस्ट होंगे।
इस इश्यू के जरिए कंपनी ₹1,856.74 करोड़ जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ₹680 करोड़ के 27,345,162 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹1,176.74 करोड़ के 17,330,435 शेयर बेच रहे हैं।
अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
एकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹646-₹679 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 22 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹679 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,938 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 286 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹194,194 इन्वेस्ट करने होंगे।
ग्रे मार्केट में एकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स का प्रीमियम 25.04%
IPO ओपन होने के पहले कंपनी का शेयर ग्रे मार्केट में 25.04% यानी ₹170 प्रति शेयर के प्रीमियम पर पहुंच गया है। ऐसे में अपर प्राइस बैंड ₹679 के हिसाब से इसकी लिस्टिंग ₹849 पर हो सकती है। हालांकि इससे केवल अनुमान लगाया जा सकता है, शेयर की लिस्टिंग की प्राइस ग्रे मार्केट की प्राइस से अलग होती है।
इश्यू का 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा करीब 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
2004 में स्थापित हुई थी स्थापना
2004 में स्थापित एकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड एक फार्मास्युटिकल कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन (CDMO) है, जो भारत के साथ विदेशों में फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स और सर्विस की एक विस्तृत रेंज पेश करत है।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।