Stock Market Capital Gain Tax: साल 2024 के बजट ने भारतीय इक्विटी में विदेशी निवेश की धार कुंद कर दी है। कैलेंडर वर्ष 24 में पहली बार मासिक आधार पर आक्रामक खरीदार बने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 23 जुलाई को बजट पेश किए जाने के बाद अपनी पोजीशन की बिकवाली शुरू कर दी है। 22 जुलाई, 2024 तक FII ने शुद्ध रूप से 25,108.67 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। हालांकि अगले तीन कारोबारी सत्र में उन्होंने शुद्ध रूप से 10,711.10 करोड़ रुपये की बिकवाली कर दी और इस तरह से अपनी शुद्ध मासिक खरीद का आंकड़ा जुलाई में 14,396.99 करोड़ रुपये पर कर लिया।
इसके बावजूद इस जुलाई में किसी एक महीने में शुद्ध निवेश पिछले 13 महीने में सबसे ज्यादा रहा है। कैलेंडर वर्ष 24 में FII ने अभी तक शुद्ध रूप से 1.10 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे। विश्लेषकों के अनुसार जुलाई में उनकी मिजाज में अचानक आए परिवर्तन की वजह सूचीबद्ध (listed), असूचीबद्ध और अनिवार्य परिवर्तनीय ऋणपत्रों (debentures) के पूंजीगत लाभ कर (capital gain tax) में हुआ बदलाव है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक और निदेशक यू आर भट्ट ने कहा कि FII के लिए यह दोहरा झटका है। उन्हें न सिर्फ पूंजीगत लाभ कर में बदलाव बल्कि एफऐंडओ सेगमेट में ज्यादा प्रतिभूति लेनदेन कर और अनिवार्य परिवर्तनीय ऋणपत्रों को लेकर किए गए कर बदलाव से जूझना पड़ेगा। मुझे लगता है कि यह उनकी तात्कालिक प्रतिक्रिया है। अगले कुछ महीनों में कंपनियों की आय वृद्धि, वैश्विक केंद्रीय बैंकों के नीतिगत रुख और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के मसले सामने आ जाएंगे। तब उनके फिर से अपने रुख का आकलन किए जाने की संभावना है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के मुताबिक भारत को लेकर उनके रुख में परिवर्तन से लार्जकैप पर दबाव बन सकता है जिससे बाजार मौजूदा स्तर से नीचे जा सकता है।
कुमार ने कहा कि एफपीआई एक बार फिर बिकवाल बन गए हैं और इससे लार्जकैप पर और दबाव आ सकता है। हालांकि एफपीआई की बिकवाली के जवाब में डीआईआई खरीद कर रहे हैं। मूल्यांकन में अंतर बना हुआ है। जहां लार्जकैप के भाव उचित लगते हैं वहीं मिड व स्मॉलकैप के भाव ज्यादा हैं। लंबी अवधि के निवेशकों को गिरावट पर अच्छी गुणवत्ता वाले लार्जकैप शेयरों की खरीदारी के जरिये इस अंतर का फायदा उठाना चाहिए।
डेरिवेटिव सेगमेंट
वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट में भी FII ने इंडेक्स फ्यूचर्स में अपनी लॉन्ग पोजीशन काफी ज्यादा घटाई हैं। नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के नोट के अनुसार FII के पास अगस्त सीरीज की शुरुआत के समय शुद्ध रूप से 62,000 लॉन्ग कॉन्ट्रैक्ट हैं, जो जुलाई सीरीज में 3.19 लाख थे।
FII की हालांकि एकल स्टॉक फ्यूचर में ज्यादा लॉन्ग पोजीशन बनी हुई हैं। सिंगल स्टॉक फ्यूचर्स में खड़े सौदों के 6.72 लाख अनुबंध थे जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 6.10 लाख अनुबंध थे। एनएसई के आंकड़े बताते हैं कि FII इंडेक्स फ्यूचर्स लॉन्ग-शॉर्ट रेश्यो जुलाई सीरीज के दौरान मध्य तक करीब 5:1 रहा।