4 जून को भारी गिरावट फिर तेज रकवरी के बाद से मार्केट की नजरें यूनियन बजट पर थीं। बाजार को उम्मीद थी कि बजट के ऐलान से तेजी का नया सिलसिला शुरू होगा। लेकिन, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मन में कुछ और प्लान था। बजट के दिन बाजार की आशंका सही साबित हुई। वित्तमंत्री ने कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ाने का ऐलान कर दिया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उम्मीद है कि नए टैक्स के साथ बाजार तालमेल बैठाने में कामयाब रहेगा। उनका मानना है कि टैक्स ज्यादा नहीं बढ़ा है, जिससे बाजार इसके साथ चलने लगेगा। बजट आ जाने के बाद अब पहली तिमाही के नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे।
ऑटो इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि बजट में जीरो उत्सर्जन के सरकार के लक्ष्य को देखते हुए नए उपायों का ऐलान सरकार करेगी। इंडस्ट्री का मानना है कि ग्रोथ की रफ्तार बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार का सपोर्ट जरूरी है। लेकिन, बजट में किसी तरह का ऐलान नहीं होने से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, हाइब्रिड्स और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग पर असर पड़ सकता है।
फेडरल बैंक का स्टॉक 25 जुलाई को 1.7 फीसदी चढ़कर 204.67 रुपये पर बंद हुआ था। Federal Bank ने केवीएस मणियन को नया सीईओ बनाने का ऐलान किया है। बैंक के पहली तिमाही के नतीजे भी आ गए हैं। बुल्स का कहना है कि रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी है। एसेट क्वालिटी में भी स्थिरता है। केवीएस मणियन की सीईओ पद पर नियुक्ति से उम्मीद जगी है। मणियन को बैंकिंग (रिटेल, कमर्शियल और कॉर्पोरेट) का काफी अनुभव है। उन्हें नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस का भी अच्छा अनुभव है। KIE ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इससे फेडरल बैंक को उन क्षेत्रों में अच्छी ग्रोथ हासिल करने में मदद मिलेगी, जिनमें वह पिछले कुछ सालों में दाखिल हुई है। KIE का यह भी कहना है कि पिछले कुछ महीनों में शानदार प्रदर्शन के बाद फेडरल बैंक अब इंडसइंड बैंक की बराबरी में आ गया है। हालांकि, रिटर्न रेशियो थोड़ा कम है, जिसका असर स्टॉक्स पर पड़ सकता है।
हिंदुस्तान जिंक का स्टॉक 25 जुलाई को 3.34 फीसदी गिरकर 611 रुपये पर बंद हुआ था। सरकार कंपनी में अपनी 3-5 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। बुल्स का कहना है कि अगर सरकार हिस्सेदारी बेचती है तो इससे शेयरों का फ्लोट बढ़ेगा, जिससे स्टॉक्स बड़े प्राइवेट इनवेस्टर्स के लिए और अट्रैक्टिव हो जाएंगे। हिस्सेदारी की बिक्री से डीमर्जर और कंपनी की रीस्ट्रक्चरिंग का रास्ता भी साफ हो जाएगा, जिसका इंतजार लंबे समय से है। कंपनी के पास करीब 1,700 करोड़ रुपये का कैश है, जबकि 400 करोड़ रुपये का कर्ज है। यह स्टॉक के लिए पॉजिटिव है। उधर बेयर्स की दलील है कि चीन और यूरोपीय देशों में मांग कमजोर है, जिसका असर इंडियन इकोनॉमी पर पड़ सकता है। इससे हिंदुस्तान जिंक जैसी कंपनियों के आउटलुक पर भी असर पड़ेगा। अगर Hindustan Zinc में विनिवेश में देरी होती है तो इसके स्टॉक की रेटिंग में कमी की जा सकती है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी का स्टॉक्स 25 जुलाई को 7.75 फीसदी के उछाल के साथ 1,849 रुपये पर बंद हुए। कंपनी ने पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 95 फीसदी बढ़कर 629 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। टोटल इनकम 22.5 फीसदी बढ़कर 3,122 करोड़ रुपये रही। बुल्स का कहना है कि Adani Green Energy का बिजनेस मॉडल स्ट्रॉन्ग है। 25 साल का फिक्स्ड टर्म PPA कैश फ्लो के लिहाज से पॉजिटिव है। अभी वैल्यूएशन ज्यादा होने के बावजूद एनालिस्ट्स का मानना है कि कंपनी की ग्रोथ आगे भी अच्छी बनी रहेगी। वैल्यूएशन भी हाई बना रहेगा। बेयर्स का कहना है कि ग्लोबल स्लोडाउन, प्रोजेक्ट्स पूरे होने में देरी और प्रोजेक्ट्स की बढ़ती कॉस्ट की वजह से कंपनी को ज्यादा कर्ज लेना पड़ सकता है। इसका असर कंपनी की वित्तीय स्थिरता पर पड़ सकता है।