इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख नजदीक आ गई है। 31 जुलाई के बाद इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने पर पेनाल्टी चुकानी होगी। इसके अलावा टैक्स पर इंटरेस्ट भी देना होगा। एक्सपर्ट्स टैक्सपेयर्स को 31 जुलाई से पहले रिटर्न फाइल करने की सलाह दे रहे हैं। इस बीच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग पोर्टल कुछ तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें आई हैं। इससे कुछ टैक्सपेयर्स यह अंदाजा लगा रहे हैं कि सरकार रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ा सकती है। आखिर क्या है यह पूरा मामला?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जरूरत पड़ने पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ाता है। कोरोना की महामारी शुरू होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लोगों की दिक्कत को देखते हुए रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाई थी। डेडलाइन बढ़ाए जाने के दूसरे उदाहरण भी हैं। लेकिन, इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए डेडलाइन बढ़ाने की कई वजह नहीं दिख रही। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब तक अंतिम तारीख बढ़ाए जाने के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 22 जुलाई को इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया था। इसमें कहा गया था कि 4 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने रिटर्न फाइल कर दिया है। उसने यह भी कहा था कि इस बार पिछले साल के मुताबके ज्यादा रिटर्न फाइल होने की उम्मीद है। पिछले साल 24 जुलाई तक 4 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था। पिछले साल कुल 6.77 इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए थे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस साल इससे ज्यादा रिटर्न फाइल होने की उम्मीद है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन अटकलों को भी खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ाई जाएगा। डिपार्टमेंट ने कहा है कि डेडलाइन बढ़ाने का कोई प्लान नहीं है। सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा है कि ई-फाइलिंग पोर्टल में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। इस बारे में सर्विस प्रोवाइडर्स को बताया गया है। वॉल्यूम काफी ज्यादा है। कंप्लायंस भी अच्छा है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह भरोसा दिलाया गया है कि पोर्टल जल्द ठीक से काम करने लगेगा।
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स को डेडलाइन बढ़ने का इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्हें 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल नहीं करने पर उन्हें बिलेटेड रिटर्न फाइल करना होगा। इसके लिए उन्हें पेनाल्टी चुकानी होगी। साथ ही टैक्स पर इंटरेस्ट भी देना होगा। अगर किसी टैक्सपेयर्स का रिफंड बनता है तो रिटर्न फाइल नहीं करने की वजह से वह लटक जाएगा।