बजट 2024-25 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। इससे शेयर बाजार में घबराहट का माहौल है। हालांकि, फिस्कल डेफिसिट, युवाओं के लिए रोजगार आदि मोर्चे पर बजट की तारीफ की जा रही है। मनीकंट्रोल ने इस सिलसिले में बजट तैयार करने से जुड़ी अहम शख्सियतों, फाइनेंस सेक्रेटरी टी. वी सोमनाथन और DIPAM सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे से बात की। टी. वी. सोमनाथन का कहना था कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.5% से 7% तक रह सकता है, जबकि इनफ्लेशन 3.5% से 4% के बीच रहने का अनुमान है।
सोमनाथ ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि कई सारी फ्लैगशिप स्कीम्स को लेकर आवंटन में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं की गई है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल के वास्तविक खर्चों को ध्यान में रखते हुए स्कीम्स में बढ़ोतरी की है। यह पूछे जाने पर प्रधानमंत्री किसान स्कीम को लेकर चिंताएं जताई गई हैं, लिहाजा क्या इसमें बदलाव की संभावना है, सोमनाथन का कहना था कि यह स्कीम दरअसल इनकम ट्रांसफर है, लिहाजा यह मामला विवेकाधीन फैसले जैसा है। इसमें कुछ भी बढ़ोतरी की जा सकती है। हालांकि, हमें लगता है कि जो सरकार ने किया है, वह संतुलित है।
सोमनाथन ने कहा कि रिजर्व बैंक से ट्रांसफर हुई रकम और टैक्स रेवेन्यू के 50% हिस्से का इस्तेमाल फिस्कल डेफिसिट को कम करने और बाकी 50% हिस्सा अतिरिक्त खर्चों में किया गया। उनके मुताबिक, रिजर्व बैंक के पूरे डिविडेंड का इस्तेमाल नए कार्यक्रमों में नहीं किया गया, लेकिन इसका एक हिस्सा नए कार्यक्रमों पर किया जाएगा। उनका कहना कि पीएम किसान के बजाय ग्रामीण सड़क योजना, पीएम आवास योजना आदि मदों में आवंटन में बढ़ोतरी की गई है।
DIPAM (डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट) सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे का कहना है कि पब्लिक सेक्टर की संपत्तियों को लेकर सरकार नए तरीके से काम करेगी। उन्होंने कहा, ‘अगर आपसे पास घर है, तो आप हमेशा इसे बेचने का फैसला नहीं करेत। आप इसे किराए पर भी देते हैं। इसी तरह, आपके पास पब्लिक एसेट है, तो इसे बेचने के बजाय इसकी बेहतर वैल्यू भी तैयार की जा सकती है और इसे बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।’ IDBI में विनिवेश को लेकर पांडे ने कहा कि इसमें थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन रिजर्व बैंक की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
सोमनाथन का कहना है कि कैपिटल गेन्स टैक्स में बदलाव का मकसद इसे आसान और तर्कसंगत बनाना है। पहले इसमें कई स्लैब थे, जिसे कम किया गया है। It’s अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स सभी एसेट क्लाइस में बिना इंडेक्सेशन के 12.5% है। उनका कहना था कि यह दर ग्लोबल मानकों के लिहाज से काफी कम है। उन्होंने बताया कि कनाडा ने इस बार के बजट में इसमें काफी बढ़ोतरी की है और भारत के लिहाज से देखें तो यह तकरीबन 26% बैठता है।