विमानन कंपनी स्पाइसजेट को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए कंपनी के निदेशक मंडल (बोर्ड) ने मंगलवार को 3000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है। कंपनी यह रकम, पात्र संस्थागत प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिये इक्विटी शेयर या अन्य प्रतिभूतियों के जरिये जुटाएगी।
स्पाइसजेट कई तिमाहियों से नकदी के संकट से जूझ रही है। इसके अलावा कंपनी पर विमान, इंजन किराया पर देने वाली कंपनियों, बैंकों और पूर्व प्रवर्तक कलानिधि मारन समेत कई लोगों का बकाया है जिसके चलते कंपनी कई मुकदमों से भी जूझ रही है। विमानन कंपनी ने 15 जुलाई को यह सूचना दी थी कि इसके कुल शुद्ध घाटे में सालाना आधार पर 72.4 फीसदी की कमी आई है और यह 418.3 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी ने पिछले पांच सालों से लगातार नुकसान दर्ज किया है और यह छठा साल है।
इस साल की शुरुआत में कंपनी के शेयरधारकों ने 2241 करोड़ रुपये जुटाने के लिए इक्विटी और वारंट जारी करने की मंजूरी दी थी। इसमें से विमानन कंपनी 1060 करोड़ रुपये ही जुटा पाई थी। मंगलवार को बीएसई पर एक बयान में विमानन कंपनी ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने क्यूआईपी के जरिये 3000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दी है। यह रकम इक्विटी शेयर या अन्य योग्य प्रतिभूतियों के जरिये जुटाई जाएगी और यह सेबी नियमन 2018 के प्रावधान के तहत क्यूआईपी के माध्यम से संभव होगा।
पांच साल पहले स्पाइसजेट हर हफ्ते करीब 4000 उड़ानें संचालित करती थी। लेकिन सिरियम के मुताबिक अब यह संख्या घटकर करीब 1,154 रह गई है। इस किफायती विमानन कंपनी ने आखिरी बार साल 2017-18 में मुनाफा दर्ज किया था तब कंपनी का कुल शुद्ध मुनाफा 557.4 करोड़ रुपये रहा था।
इस महीने की शुरुआत में स्पाइसजेट ने कहा था कि पिछले कुछ सालों में नुकसान का मुख्य कारण इंड एएस 116 (नया अकाउंटिंग स्टैंडर्ड जो 2019 में लागू हुआ) लागू होना, विदेशी मुद्रा दरों में गिरावट, कोविड-19 के दौरान परिचालन में बाधा और उसके बाद नकदी की कमी के कारण परिचालन में दिक्कतें रही हैं।