लोकसभा चुनाव के बाद मध्य वर्ग को बजट से काफी उम्मीदें थीं। तमाम कयास लगाए जा रहे थे कि पर्सनल टैक्स यानी इनकम टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत मिल सकती है। राहत तो मिली, लेकिन उम्मीद से कम। वो भी उनको जो न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प चुनेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स रेट या स्लैब्स को यथावत रहने दिया। हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स स्लैब्स को बदलने के साथ ही सैलरीड क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया। इससे जिनकी सालाना आय पौने आठ लाख रुपये तक है उन्हें न्यू टैक्स रिजीम चुनने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसी प्रकार, पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव बजट में किया गया है।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि इन बदलावों से न्यू टैक्स रिजीम में वेतनभोगी कर्मचारी को इनकम टैक्स में 17,500 तक कम टैक्स देना होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि दो-तिहाई इनकम टैक्स पेयर्स अब न्यू टैक्स रिजीम को अपना चुके हैं, तो ज्यादातर लोगों का इसका फायदा होगा। सबसे पहले समझते हैं कि न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने वालों को कैसे 17500 रुपये की बचत होगी।
किनको 17500 रुपये का फायदा
वित्त मंत्री ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम अपनाने वालों को वित्त वर्ष 2024-25 में समान आय पर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 17500 रुपये कम टैक्स देना होगा, लेकिन यह उसी परिस्थिति में होगा जब टैक्सेबल इनकम 15 लाख या उससे अधिक हो। इससे कम आय होने पर आपको कितनी बचत होगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी इनकम किस स्लैब के दायरे में आती है।
जिनकी इनकम 15 लाख से अधिक है
जैसा कि हम ऊपर बात कर चुके हैं कि न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़कर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। इस तरह 15 लाख या इससे अधिक टैक्सेबल इनकम वाले को 30% की दर से इस 25 हजार पर 7500 रुपये टैक्स की बचत होगी। इसके अलावा स्लैब और उसके अनुसार टैक्स रेट में बदलाव की वजह से पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस साल 10 हजार रुपये कम टैक्स देना होगा और कुल 17500 रुपये की बचत होगी।
इनकम 12 लाख से 15 लाख के बीच है तो
जिन टैक्सपेयर्स की टैक्सेबल इनकम 12 लाख या उससे अधिक है तो टैक्स स्लैब में बदलाव की वजह से उन्हें भी 10 हजार रुपये कम टैक्स देना होगा, लेकिन बढ़े हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी 25 हजार की राशि पर 20% की दर से बचत होगी, जो कि 5 हजार रुपये है। इस तरह 12 लाख से 15 लाख तक की आय वालों को इन बदलावों से 15 हजार रुपये कम टैक्स देना होगा। कितनी टैक्सेबल इनकम पर कितने का फायदा होगा, इसे नीचे दिए गए टेबल से समझ सकते हैं।
टैक्स स्लैब में बदलाव से बचत | |||
वित्त वर्ष 2023-24 | वित्त वर्ष 2024-25 | ||
टैक्स स्लैब | टैक्स अमाउंट | टैक्स स्लैब | टैक्स अमाउंट |
0 से 3 लाख रुपये | 0 | 0 से 3 लाख रुपये | 0 |
3,00, 001 से 6 लाख रुपये तक (5%) | 15 हजार | 3,00, 001 से 7 लाख रुपये तक (5%) | 20 हजार |
6,00,001 से 9 लाख रुपये तक (10%) | 30 हजार | 7,00,001 से 10 लाख रुपये तक (10%) | 30 हजार |
9,00,001 से 12 लाख रुपये तक (15%) | 45 हजार | 10,00,001 से 12 लाख रुपये तक (15%) | 30 हजार |
12,00, 001 से 15 लाख रुपये तक (20%) | 60 हजार | 2,00, 001 से 15 लाख रुपये तक (20%) | 60 हजार |
15 लाख तक की आय पर कुल टैक्स | 1,50, 000 रुपये | 15 लाख तक की आय पर कुल टैक्स | 1,40,000 रुपये |
टैक्स स्लैब्स में बदलाव
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए बताया कि न्यू टैक्स रिजीम में पहले की तरह ही तीन लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा, 3 से 7 लाख रुपये पर 5%, 7 से 10 लाख की आय पर 10%, 10 से 12 लाख रुपये की आय पर 15%, 12 से 15 लाख आय पर 20% और 15 लाख से अधिक आय पर 30 % टैक्स देना होगा।
7.75 लाख तक आय पर नहीं देना होगा टैक्स
न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक सालाना इनकम पर टैक्स छूट है। इसके बाद 50 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन था, तो पहले से ही साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं देना होता था। अब जबकि स्टैंडर्ड डिडक्शन 75000 रुपये सालाना कर दिया गया है तो 7.75 लाख रुपये तक जिनकी टैक्सेबल इनकम है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, इसमें यह ध्यान देना भी जरूरी है कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 7.75 लाख से एक भी रुपये ज्यादा है तो उसे बदले हुए टैक्स स्लैब के अनुसार 10% टैक्स देना होगा।