वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने TDS दरों को तर्कसगंत बनाने के लिए म्यूचुअल फंड या UTI यूनिट्स के री-परचेज पर लगने वाले 20% TDS को वापस लेने का फैसला किया है। फाइनेंस बिल 2024 में इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 194F को हटाने का फैसला किया गया है, जो म्यूचुअल फंड या यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया की फिर से खरीदारी के पेमेंट से जुड़ा है।
आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर फिरोज अजीज का कहना है कि म्यूचुअल फंड यूनिट की फिर से खरीद पर 20% TDS को वापस लिया जाना निवेशकों पर टैक्स का बोझ कम करने की दिशा में अहम कदम है। उन्होंने कहा, ‘यह फैसला बजट की उस भावना के अनुरूप है, जिसमें समावेशी ग्रोथ, रोजगार सृजन और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर फोकस किया गया है, ताकि अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाया जा सके।’
प्रमुख लॉ फर्म लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन में एग्जिक्यूटिव पार्टनर एस. वासुदेवन के मुताबिक, वित्त मंत्री ने नियमों को आसान बनाने और ई़ज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा देने की योजना के तहत वित्त मंत्री ने 6 महीने के भीतर इनकम टैक्स एक्ट 1961 में व्यापक समीक्षा का ऐलान किया है। वासुदेवन ने बताया, ‘तात्कालिक उपाय के तहत बजट में परोपकारी संस्थाओं के लिए टैक्स स्ट्रक्चर को आसान बनाने, TDS और कैपिटल गेन्स के लिए टैक्स रेट को तर्कसंगत बनाने और TDS से जुड़े कुछ अपराधों को कानूनी दायरे से हटाने की बात कही गई है।’
बहरहाल, बजट 2024-25 में सभी फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल दायरे में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया है। कुछ एसेट्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स 20% रहेगा। इसके अलावा, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए छूट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 रुपये कर दी गई है।