Stock market investors alert: देश का आम बजट पेश कर दिया गया है। इस बजट में स्टॉक मार्केट से जुड़े निवेशकों के लिए भी कई अहम ऐलान किए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक अक्टूबर से शेयरों की पुनर्खरीद यानी बायबैक पर शेयरधारकों को मिलने वाले डिविडेंड के समान टैक्स लगाया जाएगा।
क्या होगा असर
यह एक ऐसा कदम जिससे निवेशकों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। इसके अलावा, इन शेयरों को हासिल करने के लिए शेयरधारक जिस राशि का भुगतान करेंगे, उसे उनके पूंजीगत लाभ या हानि की गणना में जोड़ा जाएगा। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा- इक्विटी के लिए मैं प्राप्तकर्ता के हाथों में शेयरों के बायबैक से हुई आय पर कर लगाने का प्रस्ताव करती हूं।
यह प्रस्ताव है कि कंपनियों के शेयरों की पुनर्खरीद से होने वाली आय को प्राप्तकर्ता निवेशक को मिले डिविडेंड के रूप में मानकर कर लिया जाए। वर्तमान व्यवस्था के तहत इसे कंपनियों को हुई अतिरिक्त आमदनी मानकर इस पर आयकर लगाया जाता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार के इस कदम से निवेशकों पर बोझ बढ़ सकता है। इसके अलावा बायबैक में कमी आ सकती है। कर और परामर्श फर्म एकेम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा-बायबैक पर डिविडेंड के रूप में टैक्स लगाने से निवेशकों पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। अभी तक इसपर 20 प्रतिशत कर लगता है, लेकिन संशोधन के बाद उच्च कर दायरे वाले टैक्सपेयर्स को अधिक कर देना होगा। उन्होंने कहा कि कंपनियां अब इसका इस्तेमाल केवल वहीं करेंगी, जहां उन्हें वास्तव में पूंजी में कमी की जरूरत महसूस होगी, न कि मुनाफे के वितरण के लिए।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के सीईओ (निवेश सेवाएं) रूप भूतरा ने कहा कि आगे चलकर बायबैक में कमी हो सकती है और कंपनियां इसके बजाय पूंजीगत व्यय के लिए अधिशेष निधि आवंटित करने का रास्ता चुन सकती हैं।