गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) का घरेलू बाजार में विज्ञापनों पर खर्च पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में 47 फीसदी बढ़कर 1011 करोड़ रुपये रहा है। हालांकि, रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान (FMCG) बनाने वाली कंपनी ने रेशनलाइजेशन प्रोसेस के जरिये स्टॉक कीपिंग यूनिट (SKU) पर निवेश लगभग 30 फीसदी कम किया है। बीते शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में 0.71 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 1452.45 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 1.48 लाख करोड़ रुपये है।
GCPL के CEO का बयान
GCPL की लेटेस्ट एनुअल रिपोर्ट के अनुसार डबल डिजिट ग्रोथ का लक्ष्य रखने वाली GCPL ब्रांड, ऑटोमेशन और SKU रेशनलाइजेशन पर अधिक खर्च कर रही है, जिसमें ‘सिंपलीफिकेशन पर ज्यादा फोकस’ किया गया है।
GCPL के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सुधीर सीतापति ने कहा, “कैटेगरी डेवलपमेंट की रणनीति के अनुसार हमने विज्ञापन में बड़ा निवेश किया है। हम 2021 में 17वें स्थान से 2023 में भारत में पांचवें सबसे बड़े विज्ञापनदाता बन गए। हम डिस्ट्रीब्यूशन में निवेश करके इसे और बढ़ा रहे हैं।”
बीते वित्त वर्ष में 47 परसेंट बढ़ा GCPL का विज्ञापन पर खर्च
बीते वित्त वर्ष के लिए जीसीपीएल का ‘विज्ञापन और प्रचार’ पर खर्च 1011 करोड़ रुपये था। यह एक साल पहले के 687.34 करोड़ रुपये से 47 प्रतिशत अधिक था।
उन्होंने कहा, “भारत में, हम अब विज्ञापन पर 1000 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च कर रहे हैं, जबकि कुछ साल पहले यह 350-400 करोड़ रुपये था। हमें एहसास हुआ कि हमारी कैटेगरी दुनियाभर में अलग-अलग तरीके से चलाई जा रही थीं, विज्ञापन एजेंसियां अलग-अलग थीं, उत्पादन अलग-अलग तरीके से किया जा रहा था।” कंपनी के पास सिंथोल, गोदरेज नंबर वन, हिट्स और गुड नाइट जैसे पॉपुलर ब्रांड हैं।