टायर बनाने वाली कंपनी सिएट लिमिटेड को मौजूदा वित्त वर्ष में पुराने वाहन के टायर कारोबार (रिप्लेसमेंट मार्केट) और इंटरनेशनल बिजनेस में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है। कंपनी के मैनेजिंग डायेरक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) अर्नब बनर्जी ने हालांकि कहा कि नेचुरल रबड़ की ऊंची कीमत के कारण कंपनी को अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं। कंपनी ने मई से ‘रिप्लेसमेंट’ टायर सेगमेंट में दाम 2-2.5 फीसदी बढ़ाए हैं। कंपनी जुलाई के अंत तक कीमतों में एक और वृद्धि कर सकती है, लेकिन वह वृद्धि को गति देने के लिए कई कैटेगरी में मजबूत डिमांड और ग्रामीण बाजार में सुधार पर दांव लगा रही है।
रिप्लेसमेंट और इंटरनेशनल बिजनेस में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद
बनर्जी ने कहा, “हम यह सोचना चाहेंगे कि जब तक कुछ अप्रत्याशित बाधाएं न हों, वृद्धि स्थिर और सकारात्मक रहेगी। हम पुराने वाहन के टायर सेगमेंट और इंटरनेशनल बिजनेस में डबल डिजिट ग्रोथ बनाए रखना चाहेंगे।”ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) को कंपनी की बिक्री के बारे में उन्होंने कहा, “हम मॉडल पाइपलाइन के आधार पर सिएट के लिए पैसेंजर सेगमेंट में तीन प्रतिशत से कहीं अधिक की वृद्धि की संभावना देखते हैं।”
उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी की आमदनी में अच्छी वृद्धि हुई है, क्योंकि ग्रामीण मांग वापस आ गई है, जबकि उच्च मार्जिन वाले टायरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि ‘कमर्शियल व्हीकल और टू-व्हीलर (सेगमेंट्स) में भी जोरदार वापसी हुई है।’
जून तिमाही में CEAT का रेवेन्यू 8.8 फीसदी बढ़ा
FY25 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान CEAT लिमिटेड का रेवेन्यू 8.8 फीसदी बढ़कर 3192.8 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह ₹2935.2 करोड़ था। नेचुरल रबड़ की कीमतों में वृद्धि के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने स्वीकार किया कि इससे मार्जिन प्रभावित हुआ है।
उन्होंने कहा, “नेजुरल रबड़ की कीमतें 13 साल के उच्चतम स्तर पर हैं और 200 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई हैं। उपलब्धता भी चिंता का विषय है।” उन्होंने कहा कि सिएट को इस प्रभाव की आंशिक भरपाई के लिए टायर की कीमतों में वृद्धि करनी पड़ी।