बेंचमार्क सूचकांक गुरुवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए और निफ्टी 25,000 के करीब है। इसे आय की उम्मीदों के चलते सूचना प्रौद्योगिकी के शेयरों में उछाल से मजबूती मिली। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के मजबूत निवेश से भी बाजारों को मदद मिली।
लगातार चौथे दिन बढ़त दर्ज करते हुए सेंसेक्स पहली बार 81,000 के पार निकल गया और 627 अंकों की बढ़त के साथ 81,343 पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के निचले स्तर से इंडेक्स करीब 1,000 अंक चढ़ा। निफ्टी-50 इंडेक्स 188 अंकों की बढ़त के साथ 24,801 पर बंद हुआ। यह इंडेक्स अब 25,000 के स्तर से महज एक फीसदी से कम की दूरी पर है।
सेंसेक्स के शेयरों में आईटी दिग्गज टीसीएस का शेयर सबसे ज्यादा उछला और इंडेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान भी किया, जिसके बाद इन्फोसिस का स्थान रहा। टीसीएस में 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि इन्फोसिस 1.9 फीसदी चढ़ा। पिछले हफ्ते तिमाही नतीजे घोषित करने के बाद से टीसीएस का शेयर 10 फीसदी चढ़ा है, जिसने आईटी शेयरों को ऊपर उठाया। निफ्टी आईटी इंडेक्स इस अवधि में करीब 7 फीसदी उछला है। 2024-25 के तिमाही नतीजे विश्लेषकों के अनुमान से बेहतर रहने के कारण टीसीएस का शेयर चढ़ा है।
हालिया मजबूती हालांकि एलटीआईमाइंडट्री के उम्मीद से बेहतर नतीजों के कारण आई है। आईटी शेयरों में तेजी टिकी रह सकती है क्योंकि बाजार बंद होने के बाद नतीजे घोषित करने वाली इन्फोसिस ने 2024-25 के लिए राजस्व अनुमान 3 से 4 फीसदी बढ़ा दिया है जो वित्त वर्ष 24 की आखिरी तिमाही के 1 से 3 फीसदी के अनुमान से ज्यादा है।
विश्लेषकों ने कहा कि देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक की तरफ से राजस्व अनुमान में बढ़ोतरी बताती है कि सुदृढ़ वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण तकनीक पर खर्च में मजबूती आ रही है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा कि दोनों ही आईटी दिग्गज एक अंक में बढ़त दिखा रहे हैं। लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण अनुमान काफी कम था। दोनों ने बेहतर किया है लेकिन उस मुकाम के आसपास नहीं हैं जो उन्होंने विगत में हासिल किया था। इस वजह से यह राहत भरी तेजी है।
एफपीआई की मजबूत खरीदारी पर भट्ट का कहना है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में भारत से काफी रकम निकाली है और आय वृद्धि का भरोसा उन्हें शायद वापस ला रहा है। गुरुवार को एफपीआई 5,484 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे।
लोक सभा चुनाव के नतीजों के दिन 4 जून को तेज गिरावट के बाद भारत में इक्विटी बाजार मोटे तौर पर बढ़त की राह पर हैं। उस दिन के निचले स्तर से निफ्टी 16 फीसदी से ज्यादा उछल चुका है, जिसे राजनीतिक निरंतरता की उम्मीद और मजबूत आर्थिक संकेतकों से सहारा मिला। बाजार की दिशा अब इस पर निर्भर करेगी कि क्या एफपीआई का निवेश जारी रहेगा और अगले हफ्ते आम बजट में क्या होता है।
एवेंडस कैपिटल ऑल्टरनेट स्ट्रैटिजीज के सीईओ एंड्यू हॉलैंड ने कहा कि आईटी क्षेत्र में वैल्यू है और वह वृद्धि व मार्जिन के लिहाज से शायद बुरे दिन को पीछे छोड़ चुका है। इन स्तरों पर बाजार मजबूती ले सकता है और कुछ सेक्टर से पैसा निकलकर दूसरों में भी जा सकता है।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और 2,549 शेयर गिरे जबकि 1,372 में इजाफा हुआ। सेंसेक्स के दो तिहाई से ज्यादा शेयर चढ़े। टीसीएस के बाद बजाज फिनसर्व व महिंद्रा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयर रहे। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 454 लाख करोड़ रुपये (5.43 लाख करोड़ डॉलर) पर पहुंच गया।