गेमिंग कंपनी नजारा टेक्नोलॉजीज की दो सब्सिडियरी कंपनियों को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) डिमांड को लेकर नोटिस मिला है। इन कंपनियों में ओपनप्ले टेक्नोलॉजीज और हालाप्ले टेक्नोलॉजीज शामिल है। यह नोटिस करीब 1120 करोड़ रुपये का है। नजारा टेक्नोलॉजीज ने आज बुधवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि ओपनप्ले टेक्नोलॉजीज को कोलकाता के जीएसटी इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जनरल द्वारा ₹845.72 करोड़ की प्रस्तावित देनदारी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जबकि हालाप्ले टेक्नोलॉजीज पर ₹274.21 करोड़ की देनदारी है।
ये नोटिस 2017-18 से 2022-23 तक की अवधि के लिए हैं। नजारा ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि दोनों सब्सिडियरी कंपनियां आगे की कार्रवाई तय करने के लिए लीगल और टैक्स एडवाइजर्स के साथ नोटिस की समीक्षा कर रही हैं।
Nazara Technologies का बयान
Nazara Technologies ने कहा, “ओपनप्ले टेक्नोलॉजीज को CGST एक्ट की धारा 74(1) और स्टेट जीएसटी एक्ट 2017 के तहत जीएसटी इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जनरल, कोलकाता से 16 जुलाई 2024 को कारण बताओ नोटिस मिला। यह नोटिस 2017-18 से 2022-23 की अवधि के लिए 845.72 करोड़ रुपये की प्रस्तावित देनदारी के लिए मिला है।” इसके अलावा, हलाप्ले टेक्नोलॉजीज को केंद्रीय जीएसटी अधिनियम, 2017 के तहत नोटिस मिला है। यह नोटिस इसी अवधि के लिए 274.21 करोड़ रुपये के लिए दिया गया है।
नजारा टेक्नोलॉजीज के अनुसार, ये क्लेम ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू के बजाय प्लेयर्स द्वारा एकत्रित राशि के आधार पर जीएसटी की गणना से संबंधित हैं। कंपनी ने कहा है कि जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही में उसके कुल कारोबार में इन सब्सिडियरी कंपनियों का हिस्सा दो फीसदी से भी कम था। वहीं मुनाफे में इन कंपनियों का हिस्सा एक फीसदी से कम था।
ऑनलाइन गेमिंग पर 28% टैक्स
जीएसटी काउंसिल ने अगस्त में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगाए गए दांव के पूरे मूल्य पर 28 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। पिछले साल, जीएसटी अधिकारियों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान कुल ₹1.12 लाख करोड़ से अधिक की कथित जीएसटी चोरी के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को लगभग 71 कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। इनमें से कई कंपनियों ने नोटिस का विरोध किया है और मामले अभी भी लंबित हैं।