Bajaj Auto Share Price: दोपहिया और तिपहिया सेक्टर की दिग्गज कंपनी बजाज ऑटो के लिए चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही मार्केट की उम्मीदों से अधिक बेहतर रही। मजबूत मांग पर कंपनी का कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 18 फीसदी उछलकर 1988 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं मनीकंट्रोल ने सात ब्रोकरेज के बीच जो पोल कराया था, उसमें 1965 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट का अनुमान लगाया गया था। हालांकि इस शानदार नतीजे के बावजूद कुछ ब्रोकरेज इसे लेकर बुलिश नहीं हो पा रहे हैं। यूबीएस, मैक्वायरी और सीएलएसए इसे लेकर बेयरेश हैं। कमजोर आउटलुक पर बजाज ऑटो के शेयर 4 फीसदी से अधिक टूट गए। फिलहाल BSE पर यह 3.96 फीसदी की गिरावट के साथ 9323.85 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 4.25 फीसदी फिसलकर 9295.50 रुपये के भाव तक आ गया था।
Bajaj Auto पर क्या है ब्रोकरेज का रुझान
यूबीएस ने 6250 रुपये के टारगेट प्राइस पर इसे सेल रेटिंग दी है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि आगे चलकर मार्जिन में नरमी आएगी। ब्रोकरेज के मुताबिक कई नए मॉडलों के लॉन्च के बावजूद दोपहिया मार्केट में बजाज ऑटो की दोपहिया (2डब्ल्यू) मार्केट में गिरती हिस्सेदारी परेशान करने वाली है।
एक और ब्रोकरेज मैक्वायरी की बात करें तो इसने 9655 रुपये के टारगेट प्राइस पर बजाज ऑटो को न्यूट्रल रेटिंग दी है। ब्रोकरेज के मुताबिक इसकी ग्रोथ को सीएनजी मोटरसाइकिल्स और 1 लाख रुपये से कम के इलेक्ट्रिक बाइक के विस्तार से सपोर्ट मिल रहा है। इसके अलावा बजाज ऑटो लैटिन अमेरिका में अपना मैनुफैक्चरिंग बढ़ा रही है और डिस्ट्रीब्यूशन भी बढ़ा रही है जिससे इसकी ग्रोथ को आगे सपोर्ट मिल सकता है।
सीएलएसए ने इसे फिर से अंडरपरफॉर्म की रेटिंग दी है। इसका मानना है कि बजाज ऑटो का वैल्यूएशन काफी महंगा हो चुका है और अब इसे एक्सपोर्ट में रिकवरी का इंतजार है। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि नई लॉन्चिंग के जरिए मोटरसाइकिल सेगमेंट में बजाज ऑटो मार्केट शेयर बढ़ा सकती है।
हालांकि कुछ ब्रोकरेज इसे लेकर बुलिश भी हैं जैसे कि नोमुरा। नोमुरा ने इसकी खरीदारी की रेटिंग को तो बरकरार रखा ही है बल्कि टारगेट प्राइस भी बढ़ाकर 10,926 रुपये कर दिया है। ब्रोकरेज का कहना है कि दोपहिया बाइक्स में बजाज ऑटो राइडर्स की पसंद बनी रही। एक्सपोर्ट में रिकवरी की स्पीड कायम है।
Bajaj Auto Q1 Results की खास बातें
बजाज ऑटो को जून तिमाही में 1988 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हासिल हुआ। यह मार्केट के अनुमान से अधिक रहा। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 11,928 करोड़ रुपये का रहा। मनीकंट्रोल ने सात ब्रोकरेजेज के बीच जो पोल कराया था, उसमें अनुमान लगाया गया था कि कंपनी को सालाना आधार पर 18 फीसदी की ग्रोथ के हिसाब से 1965 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 14 फीसदी की ग्रोथ रेट से 11,793 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल होगा। हालांकि जब नतीजे आए तो रेवेन्यू करीब 16 फीसदी और मुनाफा 19 फीसदी की दर से बढ़ा।
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