₹70,000 करोड़ के नए युद्धपोतों के ऑर्डर पाने के रेस में मझगांव और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स सबसे आगे
रक्षा मंत्रालय भारतीय नौसेना के लिए नए युद्धपोतों के लिए ₹70,000 करोड़ के मेगा ऑर्डर को मंजूरी देने के लिए तैयार है। सरकारी कंपनी मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड (MDL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) इस ऑर्डर के लिए रेस में सबसे आगे हैं, जिसे प्रोजेक्ट 17B के रूप में वर्गीकृत किया गया है। दोनों यार्ड वर्तमान में प्रोजेक्ट 17A (नीलगिरि क्लास) के तहत फ्रिगेट का निर्माण कर रहे हैं। एमडीएल 4 फ्रिगेट बना रहा है, जबकि GRSE तीन के ऑर्डर पर काम कर रहा है।
ईटी की खबर के मुताबिक स्टील्थ फ्रिगेट भारत में बनाए जाने वाले सबसे उन्नत जहाज होंगे और ये नीलगिरि क्लास के जहाजों के बाद आएंगे जो अभी निर्माणाधीन हैं। आर्डर को दोनों यार्ड के बीच विभाजित करने की संभावना है। क्योंकि, प्रोजेक्ट 17A के मामले में ऐसा हो चुका है।
एडवांस फ्रिगेट में उच्च स्वदेशी सामग्री होगी, जिसमें स्थानीय रूप से विकसित फायर कंट्रोल सिस्टम, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, एंटी-सबमरीन हथियार और इलेक्ट्रॉनिक वॉर सिस्टम शामिल होंगे। यह ऑर्डर दर्जनों सब-सप्लायर्स और विक्रेताओं को बढ़ावा देने में मदद करेगा, जिन्हें काम का बड़ा हिस्सा मिलेगा।
भारत के सबसे उन्नत शिपयार्ड में से एक मझगांव के पास एक बड़ा ऑर्डर बुक है जो इस ऑर्डर के साथ और मजबूत हो सकता है। मुंबई स्थित यार्ड वर्तमान में कलवरी क्लास की पनडुब्बियों, प्रोजेक्ट 17A श्रेणी के फ्रिगेट का निर्माण कर रहा है और इसने अभी-अभी प्रोजेक्ट 15B क्लास के विध्वंसक का निर्माण पूरा किया है।
यार्ड को चालू वित्त वर्ष में तीन अतिरिक्त कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए एक कांट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने की भी उम्मीद है, जिसका मूल्य लगभग ₹35,000 करोड़ होने की संभावना है। ये नई पनडुब्बियां यार्ड द्वारा निर्मित छह कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों से बड़ी और अधिक अपग्रेड होंगी।
दूसरी ओर ग्रीन वर्तमान में अगली पीढ़ी के गश्ती जहाजों और एंटी-सबमरीन युद्ध कोरवेट का निर्माण कर रहा है। कोलकाता स्थित यार्ड को हाल ही में निर्यात ऑर्डर प्राप्त करने में भी सफलता मिली है और कई और ऑर्डर पाइपलाइन में हैं।