Vedanta Shares: अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी, वेदांता लिमिटेड ने करीब 8,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एक क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट लॉन्च (QIP) किया है। कंपनी ने QIP के डॉक्यूमेंट्स में बताया कि वह इन पैसों का इस्तेमाल ओकट्री कैपिटल (Oaktree Capital), ड्यूश बैंक (Deutsche Bank) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) के कर्ज को आंशिक या पूरी तरह से चुकाने में करेगी। वेदांता का QIP निवेशकों के लिए खुल गया है और इसके लिए फ्लोर प्राइस 461.26 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।
कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया कि उसके QIP का मूल उद्देश्य कंपनी और इसकी एक सहायक कंपनी – टीएचएल जिंक वेंचर्स लिमिटेड के कुछ बकाया कर्ज को पूर्ण या आंशिक रूप से चुकाना है। वहीं इससे मिली राशि का एक छोटा हिस्सा कुछ सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
25 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी पर ओकट्री, ड्यूश बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 17,470 करोड़ रुपये बकाया था। इनमें से ओकट्री के पास डिबेंचर के जरिए 2,500 करोड़ रुपये और लगभग 7,470 करोड़ रुपये की डॉलर-लोन फैसिलिटी है। वहीं वेदांता पर यूनियन बैंक का 6,400 करोड़ रुपये और ड्यूश बैंक का 1,100 करोड़ रुपये बकाया है।
कंपनी ने कहा कि इस पुनर्भुगतान से उसे अपना डेट-इक्विटी रेशियो बेहतर करने में मदद मिलेगी। साथ ही कंपनी को भविष्य के संभावित ग्रोथ मौकों के लिए कॉम्पिटिटीव दर पर अतिरिक्त संसाधन और अतिरिक्त पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।
वेदांता ने QIP लॉन्च करने का कदम ऐसे समय उठाया गया है जब वह अपने कर्ज को अगले 3 सालों में 3 अरब डॉलर तक कम करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। जिंक, कॉपर और एल्युमीनियम जैसी धातुओं की कीमतों में गिरावट और ऑयल एंड गैस सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन के चलते वेदांता का वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में नेट प्रॉफिट 27% घट गया। कंपनी ने चौथी तिमाही में 2,273 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 3,132 करोड़ रुपये था।
वेदांता के शेयरों में इस साल अब तक करीब 80 फीसदी की तेजी आ चुकी है। यह प्रदर्शन के लिहाज से, साल 2021 के बाद से इसका अबतक का सबसे अच्छा साल है। साल 2021 में इसके शेयर का भाव 110 फीसदी बढ़ा था। मंगलवार 16 जुलाई को इसके शेयर बीएसई पर 0.82 फीसदी बढ़कर 455.70 रुपये के स्तर पर बंद हुए।