Vedanta Shares: वेदांता के शेयरों में इस साल अब तक करीब 80 फीसदी की तेजी आ चुकी है। यह प्रदर्शन के लिहाज से, साल 2021 के बाद से इसका अबतक का सबसे अच्छा साल है। साल 2021 में इसके शेयर का भाव 110 फीसदी बढ़ा था। अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली इस माइनिंग कंपनी के शेयर एक बार फिर से अपने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के लॉन्च के कारण सुर्खियों में हैं। कंपनी ने इस QIP के जरिए करीब 6,688 करोड़ तक जुटाने की योजना बनाई है।
इस बीच टेक्निकल एनालिस्ट मानस जायसवाल, वेदांता के शेयरों पर काफी बुलिश हैं। उनका मानना है कि अगर कोई एक मेटल स्टॉक आप अपने पोर्टफोलियो में लंबी अवधि के लिए रखना चाहते हैं, तो वह वेदांता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वेदांता का लंबी अवधि का चार्ट काफी पॉजिटिव दिख रहा है।
हमारे सहयोगी न्यूज चैनल, CNBC-आवाज पर एक दर्शक के सवाल का जवाब देते हुए, जायसवाल ने कहा कि वेदांता के लॉन्ग-टर्म चार्ट में ब्रेकआउट देखा गया है और जिस तरह का ब्रेकआउट देखा गया है, वह ऊपर की ओर 500 रुपये के स्तर का तोड़ने की कोशिश कर रहा है।
जायसवाल ने कहा, “जब यह ऊपर की ओर ऐसा करने (500 रुपये के स्तर को पार करने) में सफल हो जाता है, तो इसके चलते लॉन्ग-टर्म चार्ट पर एक बड़ा ब्रेकआउट होगा और फिर यह स्टॉक अगले 12-18 महीनों में 700-750 रुपये के स्तर की ओर बढ़ सकता है।” इसलिए, उन्होंने निवेशकों को 360 रुपये पर स्टॉप लॉस के साथ वेदांता में अपनी पोजिशन बनाए रखने की सलाह दी।
NSE पर सुबह 10 बजे के करीब, वेदांता के शेयर 0.32 फीसदी की तेजी के साथ 460.90 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। पिछले 6 महीने में कंपनी के शेयरों में करीब 68 फीसदी की तेजी आई है।
वेदांता ने QIP लॉन्च करने का कदम ऐसे समय उठाया गया है जब वह अपने कर्ज को अगले 3 सालों में 3 अरब डॉलर तक कम करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। जिंक, कॉपर और एल्युमीनियम जैसी धातुओं की कीमतों में गिरावट और ऑयल एंड गैस सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन के चलते वेदांता का वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में नेट प्रॉफिट 27% घट गया। कंपनी ने चौथी तिमाही में 2,273 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 3,132 करोड़ रुपये था।