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Vedanta ने लॉन्च किया QIP इश्यू, फ्लोर प्राइस 461.26 रुपये प्रति शेयर तय

माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता लिमिटेड ने अपने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) इश्यू के लॉन्च की घोषणा की है। कंपनी ने इसके लिए 461.26 रुपये प्रति शेयर का फ्लोर प्राइस तय किया है। कंपनी ने आज 15 जुलाई को एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी। वेदांता के शेयरों में आज 2.21 फीसदी की तेजी आई है और यह स्टॉक BSE पर 459.40 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 1.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

कंपनी के स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, “हम आपको यह भी सूचित करना चाहते हैं कि इश्यू के उद्देश्य के लिए ‘रेलेवेंट डेट’ 15 जुलाई 2024 है, और इश्यू के लिए फ्लोर प्राइस ₹ 461.26 प्रति इक्विटी शेयर है।”

वेदांता का लक्ष्य इस QIP के माध्यम से 7000 करोड़ रुपये तक जुटाना है। जून में वेदांता के शेयरधारकों ने 8500 करोड़ रुपये तक जुटाने को मंजूरी दी थी। कंपनी ने कहा कि यह रणनीतिक कदम वेदांता के अपने कैपिटल स्ट्रक्चर को ऑप्टिमाइज करने और शेयरहोल्डर वैल्यू को बढ़ाने के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है, जो फाइनेंशियल ग्रोथ और स्टेबिलिटी के लिए कंपनी के कमिटमेंट को मजबूत करता है।

 

सीएनबीसी-टीवी18 ने 11 जुलाई को बताया कि क्यूआईपी जारी करने के लिए सिटी, जेएम फाइनेंशियल और नुवामा को संभावित बैंकर नियुक्त किया जा सकता है। क्यूआईपी भारत में सार्वजनिक रूप से ट्रेड करने वाली कंपनियों द्वारा म्यूचुअल फंड, वेंचर कैपिटल फंड, इंश्योरेंस कंपनियों और फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स जैसे इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के एक चुनिंदा ग्रुप को शेयर या कनवर्टिबल सिक्योरिटीज जारी करके फौरन फंड जुटाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक तरीका है।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब वेदांता अगले तीन वर्षों में अपने स्टैंडअलोन डेट को 3 अरब डॉलर तक कम करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। जिंक, कॉपर और एल्युमीनियम जैसी धातुओं की कीमतों में गिरावट और तेल एवं गैस क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन के बीच वेदांता ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में नेट प्रॉफिट में 27% की गिरावट दर्ज की। अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली कंपनी का जनवरी-मार्च तिमाही में नेट प्रॉफिट 2273 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 3132 करोड़ रुपये था। यह तीसरी तिमाही में दर्ज 2868 करोड़ रुपये के लाभ से भी कम है।

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