Suzlon Energy ने CESC की सब्सिडियरी कंपनी के साथ फ्रेमवर्क एग्रीमेंट किया है। इस खबर के बाद आज 15 जुलाई को कंपनी के शेयरों में दिन के निचले स्तर से तेज रिकवरी देखी गई। CESC ने सोमवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि कंपनी की एक स्टेप-डाउन सब्सिडियरी कंपनी पूर्वा ग्रीन पावर प्राइवेट लिमिटेड ने सुजलॉन एनर्जी के साथ एक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट किया है। सुजलॉन एनर्जी के शेयर BSE पर 0.09 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 54.63 रुपये के भाव पर बंद हुए हैं।
विंड टर्बाइनों की सप्लाई से जुड़ा है एग्रीमेंट
CESC ने बताया कि सुजलॉन एनर्जी के साथ यह समझौता विंड टर्बाइनों की सप्लाई, EPC और ऑपरेशनल और मेंटेनेंस से संबंधित है, जिन्हें अगले दो से चार साल में शुरू किया जाना है। CESC द्वारा ऑर्डर के बारे में कोई और डिटेल, कमर्शियल इंप्लीकेशन या ऑर्डर की मात्रा के बारे में जानकारी साझा नहीं की गई है।
हाल ही में सुजलॉन में कई ब्लॉक डील हुई हैं। पिछले महीने लगभग ₹180 करोड़ मूल्य के डील में 3.7 करोड़ शेयरों का ट्रांजेक्शन हुआ था। मार्च तिमाही के अंत में सुजलॉन एनर्जी के प्रमोटरों की कंपनी में 13.29 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने अभी जून महीने के लिए शेयरहोल्डिंग अपलोड नहीं की है।
Suzlon Energy पर ब्रोकरेज की राय
ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अपने नोट में लिखा है कि सुजलॉन 2.0 भारत के एनर्जी ट्रांजिशन से लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। यह डीलीवरेजिंग प्रोसेस के बाद बहुत मजबूत कंपनी है। ब्रोकरेज ने लिखा कि बाजार ने अभी तक सुजलॉन की विकास क्षमता का पूरी तरह से आकलन नहीं किया है। कंपनी को अगले पांच वर्षों में 32 गीगावाट या लगभग 31 अरब डॉलर का विंड ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। Suzlon Energy का मार्केट कैप 74,432 करोड़ रुपये है। पिछले एक साल में इस स्टॉक ने करीब 200 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है।