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Jaypee Cement हो जाएगी Adani Group की? यहां तक पहुंच चुकी है बात

Adani Group News: सीमेंट सेक्टर में अदाणी ग्रुप तेजी से अपना विस्तार कर रहा है। एसीसी (ACC) और अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) के अधिग्रहण के बाद यह देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई थी। इसके बाद इसने और सीमेंट कंपनियों को अपने ग्रुप में शामिल किया। अब यह जयपी ग्रुप के सीमेंट कंपनी को खरीदने की तैयारी में है। जयपी सीमेंट (Jaypee Cement) की सालाना क्षमता 90 लाख टन से अधिक है। यह जानकारी मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से मिली है। खास बात ये है कि जयपी सीमेंट दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। लेंडर्स ने जून की शुरुआत में ही इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत प्रक्रिया शुरू कर दिया था।

Japyee Cement की दिवाला प्रक्रिया ने दिया Adani Group को मौका

आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से याचिका दायर होने के करीब छह साल बाद 3 जून को इलाहाबाद में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की कोर्ट ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को कॉर्पोरेट दिवालियापन के लिए स्वीकार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक जयप्रकाश के खिलाफ कार्यवाही शुरू होने के चलते अदाणी ग्रुप के सामने कंपनी के सीमेंट एसेट्स के साथ इससे जुड़ी एसेट्स जैसे कि चूना पत्थर की खदानों और एक पावर प्लांट का अधिग्रहण करने के मौका खुल गया। सूत्र के मुताबिक अदाणी ग्रुप ने पहले ही इन्हें हासिल करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि दिवाला प्रक्रिया की बात करें तो अभी यह शुरुआती स्टेज में ही है। एनसीएलटी में जयप्रकाश की पिछले महीने भर्ती हुई थी और इसके कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स की अब तक एक ही बार 29 जून को बैठक हुई है। अभी तक जयप्रकाश एसोसिएट्स के एसेट्स की बिक्री की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हुई नहीं है।

डालमिया भारत ने 2022 में जेपी के साथ 5,666 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर उसकी सीमेंट और बिजली एसेट्स को खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि जेपी एसोसिएट्स के लेंडर्स से मंजूरी नहीं मिल पाई तो सौदा अब तक पूरा हो नहीं पाया। इसके अलावा एक एसेट जेपी सुपर डल्ला के लिए जयप्रकाश और अल्ट्राटेक सीमेंट के बीच चल रही मध्यस्थता के चलते भी मामले में देरी हो सकती है। डालमिया ने

डालमिया के प्रस्तावित सौदे में भिलाई में 22 लाख टन सीमेंट क्षमता के साथ-साथ मध्य प्रदेश के बाबूपुर में 33 लाख टन क्लिंकर और उत्तर प्रदेश में जेपी सुपर का अधिग्रहण शामिल था। मध्य प्रदेश के निगरी में 2 एमटीपीए सीमेंट प्लांट के मामले में, डालमिया को लीज अवधि के भीतर किसी भी समय यूनिट खरीदने के विकल्प के साथ सात साल का लीज समझौता करना था। जेपी सुपर संपत्ति का अधिग्रहण जयप्रकाश एसोसिएट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के बीच मध्यस्थता मामले के नतीजे पर निर्भर था। मध्य प्रदेश के निगरी के सालाना 20 लाख टन क्षमता वाले सीमेंट प्लांट के लिए डालमिया सात साल का लीज एग्रीमेंट करने वाली थी। इस एग्रीमेंट के तहत लीज पीरियड के दौरान यह यूनिट को कभी भी खरीदने का विकल्प था। जेपी सुपर के अधिग्रहण का रास्ता जयप्रकाश एसोसिएट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के बीच मध्यस्थता मामले के नतीजे पर निर्भर था। अल्ट्राटेक सीमेंट ने कुछ महीने पहले कहा था कि उसने मध्यस्थता प्रक्रिया पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश में जयप्रकाश एसोसिएट्स की दल्ला सुपर (पूर्व नाम जेपी सुपर) सीमेंट एसेट के अधिग्रहण की योजना बनाई है। ये एसेट्स 2016 में अल्ट्राटेक और जयप्रकाश एसोसिएट्स के बीच हुए सौदे का हिस्सा थीं।

Cement Sector में तेजी से बढ़ रहा कॉम्पटीशन

जेपी एसोसिएट्स के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया से सीमेंट सेक्टर में कॉम्पटीशन और बढ़ सकता है। अल्ट्राटेक, अदाणी, डालमिया और जेएसडब्ल्यू सीमेंट जैसे बड़े खिलाड़ी देश भर में एसेट्स के लिए कारोबारी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। 27 जून को आदित्य बिड़ला ग्रुप की सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक ने इंडिया सीमेंट्स की 19.44 फीसदी हिस्सेदारी 267 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीद ली। इसके अलावा 3.4 फीसदी हिस्सेदारी यह 285 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदेगी यानी करीब 1,900 करोड़ रुपये में यह इंडिया सीमेंट्स की 23.44 फीसदी हिस्सेदीरी खरीद लेगी।

इसके अलावा अदाणी ग्रुप की बात करें तो अंबुजा सीमेंट्स ने पिछले महीने 10,422 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर हैदराबाद के पेन्ना सीमेंट को खरीदने का ऐलान किया था। यह दो साल से भी कम समय में सीमेंट सेक्टर में प्रवेश करने के बाद से अदानी ग्रुप की तीसरी खरीदारी है। पेन्ना की खरीदारी से अदाणी की सीमेंट क्षमता में सालाना 1.4 करोड़ टन का इजाफा होगा और इसकी कुल क्षमता सालाना 8.9 करोड़ टन हो जाएगी। दिसंबर 2023 में अदाणी ग्रुप ने 5,185 करोड़ रुपये के सौदे में सांघी इंडस्ट्रीज में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल कर ली, जिससे अदाणी ग्रुप के पोर्टफोलियो में सालाना 61 करोड़ टन क्षमता जुड़ गई।

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