Donald Trump Attack: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को पेनसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ। हालांकि वह इस हमले में बाल-बाल बच गए। गोली उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी। स्टॉक मार्केट के जानकारों के मुताबिक, इस घटना का असर बाजार पर भी दिख सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हमें पहली प्रतिक्रिया यह देखने को मिल सकती है निवेशक स्टॉक मार्केट जैसे अधिक जोखिम वाले जगहों की जगह गोल्ड, अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी जैसे सुरक्षित ठिकानों की ओर मुड़ सकते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस घटना से अमेरिका में आगामी चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने की संभावना बढ़ गई है और इसलिए, रिपब्लिकन उम्मीदवार से जुड़े स्टॉक और अन्य एसेट्स क्लास में खरीदारी देखी जा सकती है।
ATFX ग्लोबल मार्केट्स के चीफ मार्केट एनालिस्ट्स, निक ट्विडेल ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि सुबह-सुबह एशियाई बाजारों में सुरक्षित निवेश की ओर पैसा जाता हुआ देखने को मिलेगा। मेरा अनुमान है कि गोल्ड अब तक के उच्चतम स्तर को छू सकता है। हम येन और डॉलर की खरीदारी होते हुए भी देखेंगे, और ट्रेजरी बॉन्ड में भी निवेश आएगा।”
हालांकि, बाजार की शुरुआती टिप्पणियों से पता चलता है कि जानलेवा हमले के बाद डोनॉल्ड ट्रंप की चुनाव में जीत की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में बाजार का ध्यान अब उन शेयरों पर चला जाएगा, जो उनकी नीतियों से सबसे अधिक प्रभावित हो सकती है। यह अंत में ट्रेजरी के लिए नेगेटिव हो सकता है।
ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से जिन एसेट्स पर असर पड़ सकता है, उसमें डॉलर से लेकर ट्रेजरी और प्राइवेट जेल कंपनियों, क्रेडिट-कार्ड कंपनियों और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के शेयर शामिल हैं। निवेशकों को लगता है कि इंपोर्ट, इमिग्रेशन और ट्रेड डेफिसिट पर ट्रंप की नीतियों से मजबूत होगा, बॉन्ड यील्ड बढ़ेगी और इनसे जुड़े इक्विटी सेक्टर्स के लिए अच्छा माहौल बनेगा।
BCA रिसर्च इंक के चीफ स्ट्रैटजिस्ट, मार्को पापिक के मुताबिक बॉन्ड निवेशकों को खासतौर से सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इस हमले से ट्रंप के चुनाव जीतने की संभावना बढ़ सकती है। पापिक ने लिखा, “मुझे लगता है कि बॉन्ड मार्केट को जल्द ही ट्रम्प के व्हाइट हाउस पहुंचने की संभावना का पता चल जाएगा, जो उनके किसी भी प्रतिद्वंद्वी की तुलना में अधिक है। रा मानना है कि जैसे-जैसे उनकी संभावना बढ़ती है, बॉन्ड बाजार में भारी अफरातफरी की संभावना भी बढ़ जाएगी।”