इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 तय की गई है। इनकम टैक्स एक ऐसा डॉक्यूमेंट है। जिसके तहत टैक्सपेयर्स की वित्तीय वर्ष के दौरान इनकम की जानकारी होती है। अगर कोई टैक्सपेयर ITR नहीं भर पाता है तो उसे जुर्माना चुकाना पड़ता है। इसे फाइल करने में कई लोगों को दिक्कतें भी आती है। कभी-कभी जल्दबाजी में टैक्स फाइल करने पर बड़ी गलती भी हो सकती है। कुछ ऐसे ही दिल्ली के अपूर्व जैन के साथ भी हुआ है। शख्स ने दावा किया है कि 1 रुपये का इनकम टैक्स के विवाद को सुलझाने के लिए 50,000 रुपये खर्च करना पड़ा।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने में कोई गड़बड़ी होने पर डिपार्टमेंट की ओर से टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा जाता है। यही वजह है कि टैक्सपेयर्स को सावधानी से रिटर्न फाइल करने की सलाह दी जाती है। टैक्स से जुड़ी एक कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसे संबंधित टैक्सपेयर ने खुद ही शेयर किया है। सने इस बात को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से अपनी सख्त नाराजगी जाहिर की है।
1 रुपये के लिए इनकम टैक्स से मिला नोटिस
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक अपूर्व जैन नाम के शख्स ने दावा किया है कि इनकम टैक्स विभाग ने उसे 1 रुपये के लिए नोटिस भेज दिया है। इस पोस्ट में अपूर्व ने कहा है कि एक तो PF के ब्याज पर टैक्स लगाना नौकरीपेशा के ऊपर कड़ा आघात है। इसके बाद कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। EPFO हर बार ITR की डेडलाइन निकल जाने के बाद ब्याज का पेमेंट करता है। जिससे टैक्सपेयर्स टैक्स का कैलकुलेशन करने के लिए काम से एक दिन की छुट्टी लेता है। इसके बाद अगर थोड़ी सी भी अनजाने में कोई गलती हो जाती है, तो- लंबा चौड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेज देता है।
Paid 50000/- fee to CA for a IT notice I received recently wherein the final disputed value turned out to be Re 1/-. I am not joking.
— Apoorv Jain (@apoorvjain_1988) July 8, 2024
सीए को दिए 50,000 रुपये, तब मामला सुलझा
अपूर्व ने मामले को सुलझाने के लिए एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हायर किया। उसे 50,000 रुपये दिए। बाद में पता चला कि कैलकुलेशन में 1 रुपये का अंतर था। मतलब कहने का ये हुआ कि सिर्फ 1 रुपये के टैक्स विवाद को सुलझाने के लिए 50,000 रुपये भरना पड़ा। अपूर्व ने डिपार्टमेंट पर नाराजगी जाहिर की है और काम करने के सिस्टम पर सुधार करने की अपील की है। उन्होंने इनकम टैक्स के काम करने के लिए तौर तरीकों पर भी नाराजगी जताई है।