प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के शेयरों में उछाल और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की मजबूत लिवाली से दोनों बेंचमार्क सूचकांकों ने आज भी नया मुकाम हासिल कर लिया। अमेरिका में मुद्रास्फीति की रफ्तार घटने से निवेशकों को उम्मीद हो गई कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरें घटाएगा। इससे भी बाजार को दम मिला। 15 दिसंबर, 2023 के बाद सूचकांक में तेजी का यह सबसे लंबा साप्ताहिक सिलसिला है।
सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 80,894 तक पहुंच गया था मगर बाद में थोड़ा लुढ़क गया। अंत में सूचकांक 622 अंक की तेजी के साथ 80,519 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 186 अंक चढ़कर 24,502 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक नई ऊंचाई पर बंद हुए। इस हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी कुल 0.7 फीसदी चढ़े।
सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 6.7 फीसदी तेजी टीसीएस में देखी गई और सूचकांक की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान इसी का रहा। 15 अक्टूबर, 2020 के बाद टीसीएस के शेयर की एक दिन में यह सबसे बड़ी बढ़त है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विश्लेषकों के अनुमान से बेहतर नतीजे देने के कारण कंपनी के शेयर में तेजी आई है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में टीसीएस का शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 8.7 फीसदी बढ़कर 12,040 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की आय भी 5.4 फीसदी बढ़कर 62,613 करोड़ रुपये रही। ब्लूमबर्ग ने टीसीएस की आय 62,128 करोड़ रुपये और मुनाफा 11,959 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था।
विश्लेषकों ने टीसीएस में तेजी को राहत बताया क्योंकि ऐसा कहा जा रहा था कि वैश्विक बाजार में नरमी के कारण आईटी क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा नहीं रह सकता है। उधर अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े नरम होने से अमेरिकी फेडरल द्वारा कम से कम दो बार दरें घटाए जाने की उम्मीद बढ़ गई है। अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जून में 0.1 फीसदी बढ़ा, जो तीन साल में सबसे कम वृद्धि है। मुद्रास्फीति में नरमी और रोजगार के आंकड़े बढ़ने से अमेरिका में सितंबर से दर कटौती शुरू होने की उम्मीद है।
इधर देश में लोक सभा चुनाव के नतीजों के दिन आई गिरावट के बाद से बाजार में तेजी बनी हुई है। 4 जून के बाद से सेंसेक्स दिन के कारोबार में 15 बार उच्चतम स्तर तक पहुंचा और 14 बार नई ऊंचाई पर बंद हुआ। निफ्टी ने दिन के कारोबार में 17 बार नई ऊंचाई छुई और 15 बार नए रिकॉर्ड पर बंद हुआ।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘एफपीआई संभवत: भारत में निवेश के लिए लौट रहे हैं। अधिकतर अच्छी खबरों का बाजार में असर दिख चुका है मगर एफपीआई के निवेश का असर अभी नहीं दिखा है। बाजार में अभी तक की तेजी देसी निवेशकों के कारण थी। अगर एफपीआई भी आ जाते हैं तो बाजार नई ऊंचाई तक पहुंच सकता है। ऐसा नहीं हुआ तो बाजार अपने उच्चतम स्तर के करीब पहुंच चुका है।’