अगर आप शेयर मार्केट में इंट्रा-डे ट्रेडिंग करते हैं या F&O में ट्रेडिंग करते हैं तो यह पता होगा कि मार्जिन का इंतजाम अपने पास पड़े शेयरों को गिरवी रखकर भी किया जा सकता है। हालांकि अब इसे लेकर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने नियम काफी सख्त कर दिए हैं। एनएसई ने एक हजार से अधिक शेयरों को गिरवी के तौर पर इस्तेमाल होने से जुड़े नियमों को सख्त तिया है। ये बदलाव अगले महीने 1 अगस्त से चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे। एनएसई क्लियरिंग लिमिटेड अब उन सिक्योरिटीज को मंजूरी नहीं देगा जिसमें ट्रेडिंग एक्टिविटी कम है या इंपैक्ट कॉस्ट काफी अधिक हो। इससे कोलेटरल के तौर पर गिरवी रखे जाने वाले 1730 शेयरों में से 1010 सिक्योरिटीज सीधे ही हट जाएंगे।
Adani Power-Yes Bank जैसे दिग्गज शेयरों को झटका
एनएसई के फैसले से अब ट्रेडर्स के पास F&O और इंट्रा-डे के लिए गिरवी रखने वाले शेयरों का विकल्प कम हो जाएगा। खास बात ये है कि इस सूची से जितने शेयरों को निकाला जाएगा, उसमें से 25 तो ऐसे हैं जिसमें से हर एक का मार्केट कैप 20-20 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। एनएसई के इस नियम से अदाणी पावर, यस बैंक, सुजलॉन, पेटीएम, हुडको, भारत डाएनेमिक्स, गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस समेत कई हाई मार्केट कैप वाले शेयरों को झटका लगेगा। एनएसई ने इस सूची से बाहर होने वाले कुछ शेयरों की सूची जारी की है जिसमें समय-समय पर बदलाव होता रहेगा।
ऐसे तय होगा शेयर एलिजिबल हैं या नहीं
10 जुलाई को जारी सर्कुलर के मुताबिक एनएसई की क्लियरिंग इकाई अगस्त से सिर्फ उन्हीं शेयरों को कोलेटरल के तौर पर मंजूरी दी जाएगी जिनमें पिछले छह महीनों में कम से कम 99 फीसदी दिनों में कारोबार हुआ हो और जिनकी 1 लाख रुपये के ऑर्डर वैल्यू के लिए इंपैक्ट कॉस्ट 0.1 फीसदी तक हो। एनएसई के इस फैसले का कितना असर हो सकता है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि HDFC सिक्योरिटीज के पूर्णकालिक निदेशक आशीष राठी के मुताबिक मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी फिलहाल 73,500 करोड़ रुपये का है। एनएसई सर्कुलर में क्लियरिंग मेंबर्स से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि जिन शेयरों को मंजूरी नहीं मिली है, उन्हें मंजूरी वाले शेयरों से जल्द से जल्द बदला जाए।