देश में प्राइवेट सेक्टर के बैंक Yes Bank में फर्स्ट अबू धाबी बैंक PJSC हिस्सेदारी नहीं खरीद रही है। इसे लेकर फर्स्ट अबू धाबी बैंक ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की 11 जुलाई की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें ऐसा दावा किया गया था। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यह यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने की संभावनओं पर विचार कर रहा है। इससे पहले 10 जुलाई न्यूज ब्लूमबर्ग ने भी दावा किया था कि फर्स्ट अबू धाबी बैंक PJSC करीब 500 करोड़ डॉलर में यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहा है। सूत्रों ने बताया था कि यह 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहा है। अब इसका कहना है कि फिलहाल ऐसे किसी ऑफर पर विचार नहीं हो रहा है।
रिपोर्ट्स में यूएई से लेकर जापान तक की दिखी Yes Bank में दिलचस्पी
यस बैंक में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए कई निवेशकों में उत्साह दिख रहा है, ऐसा रिपोर्ट्स में दावा किया गया है। दावे के मुताबिक न सिर्फ यूएई के फर्स्ट अबू धाबी बैंक PJSC इसे लेकर विचार कर रहा है बल्कि जापान के मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप इंक (Mitsubishi UFJ Financial Group Inc.) और सुमिटोमो मितसुई फाइनेंशियल ग्रुप इंक (Sumitomo Mitsui Financial Group Inc.) भी इसे लेकर गंभीर दिख रहे हैं। हालांकि यह नहीं पता चला कि इस सौदे को लेकर वे कितने गंभीर हैं और कितनी हिस्सेदारी के लिए।
यस बैंक ने RBI की मंजूरी से जुड़ी रिपोर्ट्स को भी किया खारिज
रिपोर्ट के दावे के मुताबिक यस बैंक की हिस्सेदारी को लेकर यूएई और जापान से दिलचस्पी दिख रही है, लेकिन यस बैंक का इस पर क्या कहना है? यस बैंक ने उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया है कि 51 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए RBI से इसे इन-प्रिंसिपल अप्रूवल मिल चुका है। अभी की बात करें तो करीब चार साल पहले यस बैंक डूबने की कगार पर था और उस समय इसे बचाने के लिए एसबीआई ने अपनी हिस्सेदारी 24 फीसदी की थी और यह सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है। रिपोर्ट के दावे के मुताबिक एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा का कार्यकाल अगस्त में खत्म होने वाला है जिससे यस बैंक से जुड़े सौदे में देरी हो सकती है।