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रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद फिसले शेयर बाजार, महिंद्रा में बड़ी गिरावट ने सूचकांकों को नीचे खींचा

 

बेंचमार्क सूचकांक बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान नई ऊंचाई को छूने के बाद गिरावट के साथ बंद हुए। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (M&M) और आईटी व बैंकिंग दिग्गजों में तेज गिरावट ने सूचकांकों को नीचे खींच लिया।

सेंसेक्स (Sensex) ने कारोबारी सत्र के दौरान 80,481 अंक की नई ऊंचाई को छुआ लेकिन अंत में 427 अंक की गिरावट के साथ 79,925 पर बंद हुआ। निफ्टी ने 109 अंकों की गिरावट के साथ 24,325 पर कारोबार की समाप्ति की। दोनों ही सूचकांकों ने कारोबारी सत्र के दौरान नई ऊंचाई को छुआ।

महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (M&M) ने सेंसेक्स (Sensex) की गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान किया। वाहन बनाने कंपनी ने 21 अप्रैल 2020 के बाद सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट दर्ज की। इसकी वजह कंपनी का अपने एसयूवी वैरिएंट की कीमतें घटाना रहा। एमऐंडएम ने एएक्स7 रेंज वाली एसयूवी की कीमतें 2 लाख रुपये तक घटाई हैं। कीमतों में कटौती से वाहन निर्माताओं की बिना बिकी इन्वेंट्री को लेकर अटकलें लगने लगीं।

एक्सचेंज को भेजी सूचना में कंपनी ने बिना बिकी इन्वेंट्री को लेकर चिंताओं को खारिज किया और कहा कि कीमतों में कटौती उसकी कारोबारी रणनीति पर अमल की निरंतरता से जुड़ी है।

कुछ मुनाफवसूली कंपनियों के नतीजों की शुरुआत से पहले चिंता और बजट से पहले बाजारों में इस महीने आई तेजी के कारण हुई। भारतीय बाजारों के ऊंचे मूल्यांकन का भी निवेशकों की मनोदशा पर असर पड़ा। विश्लेषकों ने कहा कि बिक्री में नरमी के बीच इस बार उम्मीद काफी कम है। इस बात को लेकर भी चिंता है कि क्या आय तेजी से बढ़ीं शेयर कीमतों को सही ठहरा पाएंगी।

भारतीय शेयर बाजारों ने आर्थिक परिदृश्य को लेकर आशावाद के बीच नई ऊंचाई को छुआ है। पिछले सत्र में सेंसेक्स 4 जून के बाद 13वीं बार नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। तब इंडेक्स निराशाजनक चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद 6 फीसदी टूट गया था। चुनाव नतीजों के दिन के निचले स्तर से बाजारों में तेज सुधार हुआ है। इसे नीतिगत निरंतरता जारी रहने की उम्मीदों, एफपीआई के फिर से शुद्ध खरीदार बनने और मजबूत आर्थिक आंकड़ों से सहारा मिला है।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आय के आगामी सीजन से पहले भारतीय बाजारों में मुनाफावसूली हुई। विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी से बिक्री वृद्धि में नरमी और उच्च महंगाई के कारण नतीजों से उम्मीद कम ही है।

इसके अलावा बाजार बजट से ऊंची उम्मीदों को लेकर अस्थायी जोखिम के दायरे में है जो पिछले महीने की तेजी में ठीक से समाहित हो चुकी है। व्यापक सूचकांक लार्जकैप और एफएमसीजी क्षेत्र से पीछे रहे जो स्थिर कारोबारी परिदृश्य के कारण रफ्तार को आगे ले जा सकते हैं। कंपनियों के नतीजे और बजट आने वाले समय में बाजार की दिशा तय करेंगे।

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि हमारा मानना है कि निफ्टी-सेंसेक्स में बुधवार का निचला स्तर या 24,150-79,400 डे ट्रेडर्स के लिए समर्थन के अहम स्तर के तौर पर काम करेगा। अगर सूचकांक इससे ऊपर कारोबार में कामयाब रहते हैं तो ये 24,450-80,500 के स्तर को दोबारा परख सकते हैं।

आगे बढ़त जारी रह सकती है, जो सूचकांक को 24,500-24550/80,700-80,900 की ओर ले जा सकती है। अगर ये 24,150-79,400 के नीचे जाते हैं तो बिकवाली का दबाव बढ़ेगा। इससे नीचे बाजार 24,050-24,000/79,100-78,800 तक आ सकता है। बाजार में चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा।

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