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Stock Market: एकसमान बढ़ा Nifty का मुनाफा और मार्केट कैप

बाजार सरपट भाग रहा है और तकरीबन हर दूसरे दिन नई ऊंचाई छू रहा है। ऐसे में बहस शुरू हो गई है कि क्या शेयरों में तेजी उनके फंडामेंटल्स से ज्यादा है और क्या उनकी आय मूल्यांकन की तरह तेजी से बढ़ेगी? यह केवल समय ही बताएगा कि आय में वृद्धि की संभावना निफ्टी के मौजूदा मूल्यांकन (जो वित्त वर्ष 2024 की आय का लगभग 25 गुना तक है) को उचित ठहराती है या नहीं।

हालांकि पिछले 5 वर्षों में भारतीय कंपनी जगत का मुनाफा और शेयर कीमत वृद्धि साथ साथ बढ़ी है, जिससे इस सिद्धांत को और बल मिला है कि बाजार आय वृद्धि पर निर्भर करता है। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि वित्त वर्ष 2029 से वित्त वर्ष 2024 के बीच निफ्टी 50 कंपनियों की आय सालाना 18 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ी है, जो इस अव​धि के दौरान बाजार पूंजीकरण (Mcap) वृद्धि के अनुरूप है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैं​शियल सर्विसेज में इंस्टीट्यूशनल इ​क्विटीज के शोध प्रमुख गौतम दुग्गड़ ने कहा, ‘इससे पता चलता है कि बाजार उचित मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है। 10 साल का औसत पीई मल्टीपल एक साल आगे के आय के अनुमान का करीब 20.2 गुना है, जो मौजूदा मूल्यांकन के बराबर है।’

उन्होंने उम्मीद जताई कि निफ्टी की आय वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में सालाना 15 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2024 में निफ्टी की प्रति शेयर आय 989 रुपये रही। अगर आय वृद्धि में 15 फीसदी तेजी आई और मूल्यांकन मौजूदा स्तर पर बना रहा तो मार्च 2025 तक सूचकांक 26,000 पर पहुंच सकता है। हालांकि आय वृद्धि और मूल्यांकन अनुमान पर विश्लेषकों की राय अलग-अलग है।

कुछ विश्लेषक मानते हैं कि यदि आय में वृद्धि की संभावना मजबूत है तो बाजार या शेयर का निकट अव​धि का मूल्यांकन दीर्धकालिक औसत से अ​धिक हो जाएगा।

मॉर्गन स्टैनली में भारत के मुख्य इ​क्विटी स्ट्रैटजिस्ट रिधम देसाई ने कहा, ‘बाजार के व्यापक स्तर पर भारत अभी भी कमाई चक्र के आधे रास्ते पर है। अगले 4 से 5 साल में आय सालाना 20 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ सकती है।’

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 में निफ्टी का मुनाफा तेजी से बढ़ा मगर इससे पहले के वर्षों में मुनाफा वृद्धि में बहुत तेजी नहीं थी। इसी तरह बाजार पूंजीकरण वृद्धि में भी एकरूपता नहीं है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 से 7 फीसदी की दर से बढ़ेगा और नॉमिनल जीडीपी में 10 से 11 फीसदी की वृद्धि होगी। कंपनियों का मुनाफा 13 से 16 फीसदी बढ़ सकता है। अगर जीडीपी वृद्धि बरकरार रही तो कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि की ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।’

पिछले हफ्ते कोटक इंस्टीट्यूशनल इ​क्विटीज ने कहा था कि सूचकांक स्तर पर मूल्यांकन पर नजर रखना बहकावे जैसा है। इसने कहा था, ‘देसी बाजार आम तौर पर निफ्टी 50 सूचकांक के मूल्यांकन पर आधारित होता है। सूचकांक का मूल्यांकन ऐतिहासिक मूल्यांकन और बॉन्ड यील्ड के संदर्भ में वाजिब हो सकता है मगर पिछले 2-3 वर्षों में मल्टीपल में व्यापक बदलाव के बाद बाजार के अधिकांश अन्य हिस्से कम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं।’

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