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Budget 2024: पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने एंजेल टैक्स हटाने की मांग की, जानिए क्या है एंजेल टैक्स

पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने निर्मला सीतारमण के यूनियन बज से अपनी उम्मीदों के बारे में बताया है। उनका मानना है कि सरकार को यूनियन बजट में स्टार्टअप्स की मदद के लिए बड़े ऐलान करने चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडिया में स्टार्टअप इकोनॉमी ने अच्छी रफ्तार पकड़ी है। ऐसे में सरकार को स्टार्टअप्स की काफी मदद करनी चाहिए। उन्होंने एंजेल टैक्स को खत्म करने की भी मांग की है। इससे पहले डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इनटर्नल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने एंजेल टैक्स को खत्म करने की मांग की थी।

एंजेल टैक्स का मतलब क्या है?

अक्सर अनलिस्टेड कंपनियां भारतीय निवेशकों से शेयरों के जरिए पैसे जुटाती हैं। कई बार इश्यू किए गए शेयरों की कीमत कंपनी के फेयर मार्केट वैल्यू से ज्यादा होती है। इस अतिरिक्त कीमत को शेयर इश्यू करने वाली कंपनी की इनकम माना जाता है। इस अतिरिक्त इनकम पर उसे टैक्स देना होता है। इसे एंजेल टैक्स (Angel Tax) कहा जाता है। एंजेल टैक्स का रेट 30 फीसदी है। इसके अलावा 3 फीसदी का सेस लगता है। इससे एंजेल टैक्स का इफेक्टिव रेट बढ़कर 30.9 फीसदी हो जाता है। इंडिया में इस टैक्स की शुरुआत फाइनेंस एक्ट 2012 के जरिए हुई थी।

 

काफी समय से हो रही है एंजेल टैक्स खत्म करने की मांग

एंजेल टैक्स पिछले काफी समय से चर्चा में रहा है। यह बहुत जटिल है, जिससे इसे खत्म करने की मांग होती रही है। शर्मा ने एंजेल टैक्स खत्म करने की डीपीआईआईटी की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार एंजेल टैक्स को खत्म करने के ऐलान यूनियन बजट में करती है तो यह बहुत अच्छा होगा। इसकी वजह यह है कि इसे लेकर काफी कनफ्यूजन रहा है। अगर सरकार इसे खत्म करने का ऐलान बजट में नहीं करती है तो उसे इससे जुड़े कई मसलों के बारे में स्पष्टीकरण पेश करना चाहिए।

 

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर हो सकता है बजट का फोकस

पेटीएम के बॉस ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ऐसे ऐलान कर सकती हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह 12 अगस्त तक चलेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में बजट पेश करेंगी। यह फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का फुल बजट होगा। इस साल 1 फरवरी को वह अंतरिम बजट पेश कर चुकी हैं। लोकसभा चुनाव वाले साल में सरकार दो बजट पेश करती है।

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