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‘शेयर बाजार में मची है लूट, अच्छा नहीं होगा इसका अंत’, दिग्गज निवेशक विजय केडिया ने दी चेतावनी

शेयर बाजार में इन दिनों ‘उत्साह का माहौल’ है। सेंसेक्स और निफ्टी लगभग हर दूसरे दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। हालांकि दिग्गज निवेशक विजय केडिया (Vijay Kedia) का कहना है कि यह शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति को बताने के लिए सही शब्द नहीं है, बल्कि इसकी जगह ‘भगदड़’ शब्द का इस्तेमाल करना ज्यादा सटीक रहेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI इस ‘पागलपन वाले उन्माद’ को रोकने के लिए कुछ कदम उठाएगा।

केडिया ने हमारे सहयोगी CNBC-TV18 के साथ एक बातचीत में कहा, “यहां अहमदाबाद में भी, मैं जिससे भी मिल रहा हूं, वो शेयर बाजार के बारे में बात कर रहा है। जो लोग शेयर बाजार से बिल्कुल भी नहीं जुड़े हैं, अलग-अलग पेशों, बिजेनसों और नौकरी में काम कर रहे हैं, वे भी ट्रेडिंग करना चाहते हैं। उनकी इच्छा जल्द से जल्द पैसा कमाने की है और इसके लिए वे अपनी एफडी को भी तोड़ना चाहते हैं। कल कोई मुझसे कह रहा था कि वह किसी आईटी फर्म में काम कर रहा है और वह नौकरी छोड़कर शेयर बाजार में शामिल होना चाहता है।”

दरअसल शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से लगातार तेजी जारी हैं। लार्जकैप शेयरों के मुकाबले छोटे और मझोले ने निवेशकों को कहीं बेहतर रिटर्न दिया है। डिफेंस, रेलवे और कुछ PSU स्टॉक्स के भाव तो महज एक महीने में ही दोगुना होता देखा गया है। कोचीन शिपयार्ड के शेयर इस साल के पहले 6 महीने में करीब 300 फीसदी बढ़ चुका है। ऐसे और भी कई उदाहरण हैं।

विजय केडिया ने कहा, “हो सकता है कि मैं गलत साबित हो जाऊं। पहले भी कई मौकों पर मैं गलत साबित हुआ है। लेकिन जब भी मैं इस स्थिति के बारे में सोचता हूं तो मुझे लगता है कि इसका अंत अच्छा नहीं होगा। इसलिए, सेबी को बाजार में इस तरह की अफरातफरी या भगदड़ को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।”

F&O सेगमेंट में बेतहाशा ट्रेडिंग पर SEBI सख्त

मनीकंट्रोल ने इससे पहले बताया था कि फ्यूचर्स और ऑप्शंस सेगमेंट को लेकर बनाई गई SEBI की एक वर्किंग कमेटी ने डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के लॉट साइज को अभी के 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 से 30 लाख रुपये करने की सिफारिश की है। साथ ही F&O में बेतहाशा ट्रेडिंग को रोकने के लिए डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के स्ट्राइस प्राइस की संख्या को सीमित करने की भी सिफारिश की गई है। कमेटी ने हर हफ्ते एक एक्सचेंज पर सिर्फ एक एक्सपायरी तय करने की भी सिफारिश की है

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