Credit Card Payment: एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और यस बैंक के ग्राहकों की परेशानियां बढ़ सकती है। सरकार क्रेडिट कार्ड पेमेंट के लिए नये नियम लेकर आई है। ये नियमों के मुताबिक बदलाव 30 जून तक करने थे, जो इन बैंकों नहीं किये हैं। देश के 6 प्रमुख बैंकों ने अभी तक क्रेडिट, फोनपे और पेटीएम जैसे तीसरे पक्ष के ऐप के माध्यम से क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट लेने के लिए अपने भारत बिल पेमेंट प्रणाली (BBPS) को एक्टिव नहीं किया है। आरबीआई की 30 जून की डेडलाइन बीत गई है। इंडस्ट्री के सूत्रों के अनुसार बैंक BBPS एक्टिवेशन प्रोसेस को पूरा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक महीने की छूट की उम्मीद कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले निर्देश दिया था कि 30 जून के बाद सभी क्रेडिट कार्ड पेमेंट केंद्रीकृत पेमेंट प्रणाली भारत बिल पेमेंट प्रणाली (BBPS) के माध्यम से प्रोसेस किए जाने चाहिए।
30 जून तक थी डेडलाइन
इंडस्ट्री प्लेयर्स के अनुसार 30 जून की समय सीमा बीतने के पांच दिन बाद भी 5 जुलाई तक छह बैंकों ने आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार पालन नहीं किया है। ये बैंक एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीएफसी बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और Yes बैंक हैं।इंडस्ट्री के मुताबिक बैंक आरबीआई से एक महीने की छूट की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने BBPS पर लाइव होने के लिए सिस्टम लगाए थे और इस प्रोसेस में समय लग रहा है। भारतीय बैंक संघ (IBA) इस मामले पर आरबीआई के साथ संपर्क कर रहा है।
12 बैंक कर चुके हैं एक्टिव
कुल 12 बैंक पहले ही अपने बीबीपीएस को एक्टिव कर चुके हैं। ये हैं कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, एयू बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, फेडरल बैंक, इंडसइंड बैंक, सारस्वत बैंक, एसबीआई और यूनियन बैंक।
Cred, फोनपे नॉन कॉम्पलाएंट बैंकों से कैसे ले रहे हैं क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट?
एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक जैसे नॉन कॉम्पलाएंट बैंकों के लिए क्रेड और फोनपे जैसे थर्ड पार्टी पेमेंट ऐप आईएमपीएस, एनईएफटी और यूपीआई जैसे ऑप्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं। एसबीआई और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे BBPS सक्रिय करने वाले बैंकों के लिए, ये फिनटेक प्लेटफॉर्म सेंट्रलाइज बिलिंग नेटवर्क के माध्यम से पेमेंट कर रहे हैं।
आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड के केंद्रीकृत पेमेंट को क्यों अनिवार्य किया है?
इंडस्ट्री के मुताबिक आरबीआई का लक्ष्य पेमेंट ट्रेंड्स पर बेहतर विजिबिलिटी हासिल करना और केंद्रीकृत पेमेंट प्रणाली के माध्यम से धोखाधड़ी वाले लेनदेन को ट्रैक करने और हल करने की क्षमता में सुधार करना है।