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Paras Hospitals IPO: दिल्ली के पारस हॉस्पिटल्स की अब लिस्ट होने की योजना, IPO पर हो चुका है इतना काम

Paras Hospitals IPO: दिल्ली के पारस हॉस्पिटल्स की तैयारी अब स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने की है। मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक जल्द ही यह बाजार नियामक सेबी के पास आईपीओ का ड्राफ्ट दाखिल कर सकती है। जानकारी के मुताबिक यह इश्यू पूरी तरह से नए शेयरों का ही नहीं होगा। आईपीओ के जरिए इसके प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर आठ साल पुराने निवेश को भुनाने की कोशिश करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस आईपीओ का ड्राफ्ट तैयार करने की कोशिशें आखिरी चरण में है और सेबी के पास इसे दो से तीन हफ्तते में दाखिल किया जा सकता है।

Paras Hospitals IPO की डिटेल्स

मनीकंट्रोल ने 13 मार्च को सबसे पहले खुलासा किया था कि पारस हॉस्पिटल्स 1000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने के लिए इनवेस्टमेंट बैंकों से बातचीत कर रही है। फिर अगले महीने 26 अप्रैल को खुलासा किया कि इस काम के लिए तीन इनवेस्टमेंट बैंकों को चुन लिया गया है। पारस हॉस्पिटल्स अपने विस्तार के लिए इस आईपीओ के जरिए नए शेयर जारी कर 300 करोड़-400 करोड़ रुपये जुटा सकती है तो प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर Creador ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए अपने शेयरों की बिक्री करेगी। क्रीडोर ने 2017 में इसमें 275 करोड़ रुपये डाले थे और इसके पास इसकी 25 फीसदी हिस्सेदारी है। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडिटर और कर्ज चुकाने में होगा। सूत्रों के मुताबिक 31 मार्च तक इस पर 400 करोड़ रुपये का नेट कर्ज था।

Paras Hospitals की कैसी है कारोबारी सेहत

पारस हॉस्पिटल्स ने अभी हाल ही में कानपुर में एक नया हॉस्पिटल खोला और पिछले साल श्रीनगर में एक अस्पताल शुरू किया था। इसके अलावा एक गुरुग्राम और एक पंजाब के लुधियाना में हॉस्पिटल्स तैयार हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के टियर-2 और टियर-3 शहरों में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं, जहां अस्पताल की बेहतर सुविधाएं नहीं हैं। फिलहाल यह नोएडा, मेरठ, वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज और गोरखपुर में संभावनाएं देख रही है।

पारस हॉस्पिटल्स ने पहला अस्पताल वर्ष 2006 में गुरुग्राम में खोला था और अभी इसके चेन में सात मल्टी-स्पेशल्टी हॉस्पिटल्स हैं जिसमें 2 हजार से अधिक बिस्तर हैं। इसमें से दो अस्तपाल हरियाणा, दो बिहार, एक राजस्थान, एक झारखंड और एक जम्मू एंड कश्मीर में है। अब इसकी नजरें यूपी पर हैं। इसके वित्तीय सेहत की बात करें तो क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक पारस हेल्थकेयर का कंसालिडेटेड ऑपरेटिंग रेवेन्यू वित्त वर्ष 2023 में सालाना आधार पर 780 करोड़ रुपये से 17 फीसदी उछलकर 918 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

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