साल 2006 की फरवरी में सेंसेक्स पहली बार 10000 का लेवल टच किया था। तब किसने सोचा था कि यह 80000 के पार चला जाएगा? क्या शेयर मार्केट की यह रफ्तार आगे भी जारी रहेगी? इस तूफानी तेजी में खुदरा निवेशक क्या करें? मार्केट में पैसे लगाएं या किसी बड़े करेक्शन का इंतजार करें? आइए एक्सपर्ट्स से समझें कि इस समय मार्केट से दूर रहें या उसके रफ्तार के साथ दौड़ें?
शेयर मार्केट एक्सपर्ट कवींद्र सचान ने लाइव हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान बताया कि अगर रफ्तार ऐसी ही रही तो बहुत जल्द सेंसेक्स 100000 के लेवल को भी पार कर जाएगा। उन्होंने बताया, “आज सेंसेक्स 80300 के लेवल को भी पार कर गया। जिस तरह से बाजार में रैली दिखाई दे रही है, सारे पिछले रिकॉर्ड्स टूटते नजर आ रहे हैं। ऐसे में निवेशक भी डरे हुए हैं कि क्या बाजार सस्टेन करेगा? या कोई बड़ा करेक्शन होगा?”
सचान के मुताबिक सेंसेक्स का यह लेवल प्रैक्टिकल है। यहां कोई आर्टिफिशियल बबल्स नहीं है। निफ्टी-50 में भी कोई बड़ा करेक्शन नहीं है। बैंक निफ्टी भी 53000 के लेवल को क्रास करने में सफल रहा। एक हफ्ते इस लेवल पर सस्टेन करने के बाद इसमें अच्छी रैली देखी जा सकती है। अगर निफ्टी 24000 के पार एक हफ्ते टिक गया तो बाजार फिर भागेगा।
बाजार में पैसा लगाएं या दूर रहें
निवेशकों को इस लेवल पर बाजार में पैसा लगाने या दूर रहने की सलाह पर सचान ने कहा,” बाजार में निवेश करते रहें। पिछले 18 साल में सेंसेक्स 70000 अंक उछला है। आप अंदाजा लगा सकते हैं अगले कुछ सालों में यह एक लाख के आंकड़े को भी पार करेगा।”
क्यों उछल रहा बाजार
अधिकतर शेयर बाजार विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रही है। देश का चालू घाटा भी कम हुआ है। इससे घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। वहीं, वैश्विक स्तर पर भी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, जिससे दुनिया में बाजारों में बढ़त देखी जा रही है। सभी की नजरें अमेरिकी फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती की घोषणा पर टिकी हैं। अगर कटौती होती है तो शेयरों बाजारों में तेजी का दौर जारी रह सकता है।
सतर्क रुख के साथ आगे बढ़ें
कवींद्र सचान के विचारों के उलट स्मॉल केस एंड स्टॉक बाजार के फाउंडर आशीष कुमार ने निवेशकों को सतर्क करते हुए कहा, ” “सेंसेक्स के 80 हजार पर पहुंचने के बाद निवेशकों को सतर्क रुख के साथ आगे बढ़ना चाहिए। बजट महीने और Q1FY25 आय सीजन को देखते हुए, राजकोषीय नीतियों और कॉर्पोरेट परिणामों के बारे में जानकारी रखना महत्वपूर्ण है। निवेश में विविधता लाना और मौलिक रूप से मजबूत शेयरों पर ध्यान केंद्रित करना जोखिम को कम कर सकता है। पोर्टफोलियो का पुनर्मूल्यांकन करें और आंशिक लाभ बुक करने पर विचार करें। इसके साथ ही विकास के लिए तैयार क्षेत्रों में अवसरों की तलाश करें। संभावित बाजार अस्थिरता को नेविगेट करने के लिए मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों और वैश्विक संकेतों पर नजर रखें।”
(डिस्क्लेमर: एक्सपर्ट्स की सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं, stock market news के नहीं। यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)