ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी जोमैटो ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) लाइसेंस के लिए अपना आवेदन वापस लेने का फैसला किया है। कंपनी का कहना है कि वह अब लेंडिंग बिजनेस नहीं करना चाहती। 2 जुलाई को एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि एप्लिकेशन वापस लेने का निर्णय जोमैटो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के बोर्ड द्वारा लिया गया, जो एक पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है। इस खबर के बीच आज कंपनी के शेयरों में 2.45 फीसदी की तेजी देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 209.05 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
Zomato का बयान
जोमैटो ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “कंपनी के रेवेन्यू/ऑफरेशन पर कोई मटेरियल इंपैक्ट नहीं है और यह खुलासा स्वैच्छिक रूप से किया जा रहा है।” 29 मई को मनीकंट्रोल ने बताया था कि फूड डिलीवर करने वाली कंपनी अपने पार्टनर रेस्टोरेंट्स को वर्किंग कैपिटल लोन प्रोवाइड करने के लिए कई NBFC के साथ बातचीत कर रही है।
फर्म ने कोविड महामारी के दौरान अपने पार्टनर रेस्टोरेंट्स की मदद करने के लिए 2000 में लेंडिंग बिजनेस में एंट्री किया था। कंपनी ने पेमेंट एग्रीगेटर (PA) ऑथराइजेशन के लिए आवेदन करने के लिए अगस्त 2021 में जोमैटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड को इनकॉर्पोरेट किया और फरवरी 2022 में जोमैटो फाइनेंशियल सर्विसेज को रजिस्टर्ड किया, लेकिन अपना NBFC लाइसेंस प्राप्त करने में विफल रही।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने अपना पीए/पीजी लाइसेंस वापस कर दिया, और मार्च तिमाही में ZPPL में 39 करोड़ रुपए के निवेश को भी रद्द कर दिया।
एक साल में 176% रिटर्न दे चुका है Zomato का शेयर
आज की तेजी के साथ जोमैटो का मार्केट कैप बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया है। स्टॉक का 52-वीक हाई 209.80 रुपये और 52-वीक लो 73.05 रुपये है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 20 फीसदी की तेजी आई है। पिछले 6 महीने में स्टॉक ने 62 फीसदी का रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में इसने 176 फीसदी का तगड़ा मुनाफा कराया है। वहीं, पिछले दो सालों में इसके निवेशकों को 272 फीसदी का शानदार रिटर्न मिला है।