जून 2024 तिमाही में यस बैंक (YES Bank) के लोन और एडवांस में 15 पर्सेंट की सालाना ग्रोथ देखने को मिली। इस दौरान कंपनी का लोन 2.29 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की इसी तिमाही में बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया। दूसरी तरफ, डिपॉजिट सालाना आधार पर 21 पर्सेंट बढ़कर 2.64 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 2.19 लाख करोड़ रुपये था।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक का क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो सालाना आधार पर घटकर 86.4 पर्सेंट रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 91.3 पर्सेंट था। इस बीच, अप्रैल-जून 2024 में लिक्विडिटी कवरेज रेशियो बढ़कर 137.8 करोड़ रुपये हो गया। मार्च तिमाही में यस बैंक का प्रॉफिट 123 पर्सेंट की सालाना बढ़ोतरी के साथ 452 करोड़ रुपये रहा था, जबकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIMs) 2.4 पर्सेंट पर स्थिर रहा।
पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में इसका बैलेंस शीट 4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। SME में ग्रोथ की रफ्तार जारी रहने और मिड कॉरपोरेट सेगमेंट में लोन की मांग तेज रहने से बैंक के कारोबार को सहारा मिला। चौथी तिमाही के नतीजों के बाद ज्यादातर एक्सपर्ट्स को लग रहा था कि बैंक के बिजनेस में रिकवरी हो रही है। हालांकि, इनमें से ज्यादातर एक्सपर्ट्स ने बैंक के शेयरों को सेल रेटिंग दी थी, क्योंकि वैल्यूएशंस आकर्षक नहीं थे।
डोमेस्टिक ब्रोकरेज फर्म ICICI सिक्योरिटीज ने प्राइवेट बैंक को सेल रेटिंग दी थी और इसके लिए टारगेट प्राइस 20 रुपये था। ICICI सिक्योरिटीज के एनालिस्ट जय प्रकाश मूंदरा ने बताया, ‘हमें वित्त वर्ष 2026 में रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) बढ़कर 1 पर्सेंट हो जाने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2024 में 0.3 पर्सेंट था। हालांकि, बैंक का वैल्यूएशन ज्यादा आकर्षक नहीं जान पड़ता है।’