सीएनबीसी-आवाज़ को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार सिगरेट बनाने वाली कंपनियों के लिए एफडीआई प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके अलावा तंबाकू प्रोडक्ट्स के लिए होने वाले किसी टेक्नोलॉजी गठजोड़ में भी विदेशी निवेश को प्रतिबंधित किया जा सकता है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो तंबाकू उत्पादों की किसी भी फ्रेंचाइजी, ट्रेडमार्क और तंबाकू और सिगार जैसे किसी भी दूसरे प्रोडक्ट की ब्रांडिंग में जल्द ही एफडीआई प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। अभी, सरकारी नियमों के तहत तंबाकू उत्पादों के प्रोडक्शन में किसी भी एफडीआई की अनुमति नहीं है।
सीएनबीसी-आवाज़ की इस खबर के बाद आईटीसी, गॉडफ्रे फिलिप्स, वीएसटी इंडस्ट्रीज, एनटीसी इंडस्ट्रीज और गोल्डन टोबैको के शेयरों में 1-3 फीसदी की गिरावट आई है। यह प्रस्ताव फिलहाल वाणिज्य मंत्रालय के समक्ष विचाराधीन है। इसे मंजूरी के लिए जल्द ही मंत्रिमंडल के पास भेजा जा सकता है।
अभी यह साफ नहीं है कि सिगरेट और तम्बाकू इंडस्ट्री के लिए नियमों में बदलाव से इस सेक्टर की बड़ी कंपनियों के कारोबार पर क्या असर पड़ेगा। तम्बाकू इंडस्ट्री को अक्सर रेग्युलेटरी दबावों का सामना करना पड़ता है। इसी वजह आमतौर पर केंद्रीय बजट से पहले इस सेक्टर के शेयरों में एक्शन देखने को मिलता है।
स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खराब प्रभावों को लेकर बढ़ती चिंताएं और धूम्रपान के खिलाफ जागरूकता अभियान भी समय के साथ सिगरेट की खपत पर असर डालते हैं। मार्केट एनालिस्टों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2023 तक, वीएसटी इंडस्ट्रीज के सिगरेट वॉल्यूम में मामूली गिरावट आई है, जो 8556 मिलियन यूनिट से घटकर 8253 मिलियन यूनिट रह गई है।