इस महीने जून में अभी तक, वोडाफोन आइडिया के शेयरों ने बाजार को मात दी है, इनमें 21% की तेजी आई है। इसकी तुलना में, BSE सेंसेक्स इस अवधि में सिर्फ 7% ऊपर गया है। इस महीने की तेजी के साथ, वोडाफोन आइडिया का मार्केट प्राइस इसके फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) की कीमत ₹11 प्रति शेयर के मुकाबले 68% बढ़ गया है। बता दें कि अप्रैल में कंपनी ने FPO के जरिए ₹18,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।
इस साल 2024 में अबतक, कंपनी ने करीब 24,000 करोड़ रुपये इक्विटी के रूप में जुटाए हैं (जिसमें नोकिया और एरिक्सन को 2,458 करोड़ रुपये के प्रेफरेंशियल इश्यू का प्रस्ताव भी शामिल है, जिसे शेयरधारकों की मंजूरी मिलने की जरूरत है)। इसके अलावा, कंपनी अपने कर्जदाताओं के साथ 25,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज लेने के लिए बातचीत कर रही है।
इसी बीच, वोडाफोन आइडिया ने कल हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में 11 सर्किलों में कम और मिड बैंड स्पेक्ट्रम (900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज) के 50 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को कुल 3,510 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है।
कंपनी ने यूपी वेस्ट और पश्चिम बंगाल सर्किलों में 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के नवीनीकरण के अलावा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान, यूपी ईस्ट और कोलकाता सहित सात सर्किलों में अपनी 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम होल्डिंग को भी बढ़ा दिया है। इससे कंपनी 4G के लिए पर्याप्त 900 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम को समर्पित कर सकेगी, जिससे इन बड़े बाजारों, खासकर इनडोर में उसके 4G ग्राहकों का अनुभव बेहतर होगा।
वोडाफोन आइडिया का कहना है कि स्पेक्ट्रम खरीदने और फंड जुटाने (इक्विटी और कर्ज दोनों) से कंपनी को अपनी रणनीति को लागू करने में मदद मिलेगी। इस रणनीति में 4G कवरेज का विस्तार और 5G सेवाओं की शुरुआत शामिल है। इससे कंपनी भारतीय वायरलेस क्षेत्र के बड़े और महत्वपूर्ण अवसरों में भाग ले सकेगी।
कंपनी का कहना है कि उसके 31 मार्च 2024 तक 21.26 करोड़ मजबूत ग्राहक आधार, 1 अरब से अधिक भारतीयों तक 4G की पहुंच, प्रतिस्पर्धी स्पेक्ट्रम प्रोफाइल, व्यापक वितरण नेटवर्क और एक मजबूत ब्रांड के साथ-साथ अलग-अलग तरह की डिजिटल पेशकश हैं। इसके दम पर वो मार्केट में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।
वोडाफोन आइडिया के पास रिन्यूवल के लिए लगभग 12 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम था, लेकिन उसने 900, 1800 और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में 30 मेगाहर्ट्ज से अधिक स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कंपनी का कुल खर्च 3,500 करोड़ रुपये (सालाना किस्तों में 350 करोड़ रुपये) रहा, जो उनके अनुमान से अधिक है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी ने 4G कवरेज को बेहतर बनाने के लिए 9 सर्किलों में 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया।
नेटवर्क क्षमता में सुधार के लिए वोडाफोन आइडिया ने मध्य प्रदेश और बिहार सर्किलों में भी मिड-बैंड स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया। कुल मिलाकर, ब्रोकरेज का मानना है कि नेटवर्क अनुभव को बढ़ावा देने के लिए वोडाफोन आइडिया का स्पेक्ट्रम पर किया गया यह खर्च एक सकारात्मक कदम है। स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि अब आने वाले दिनों में टैरिफ बढ़ोतरी पर ध्यान दिया जाएगा।