शेयर बाजार में आज फिर धूम रही! देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में तेजी के दम पर बाजार ने नई ऊंचाई हासिल की। साथ ही, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के शेयरों में भी लगातार बढ़त और विदेशी निवेशकों (एफपीआई) की खरीदारी ने बाजार को सहारा दिया। आज सेंसेक्स 621 अंक यानी 0.8 फीसदी की बढ़त के साथ 78,674 पर और निफ्टी 50, 147 अंक यानी 0.6 फीसदी की बढ़त के साथ 23,869 पर बंद हुआ।
गौर करने वाली बात ये है कि दोनों ही सूचकांक इस महीने नौवीं बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं। जानकारों का कहना है कि बाजार की इस तेजी को देखते हुए ये सिर्फ कुछ दिनों की ही बात है, जब सेंसेक्स 80,000 और निफ्टी 24,000 के आंकड़े को पार कर लेंगे।
इस महीने की शुरुआत से अब तक (MTD), दोनों प्रमुख सूचकांकों, सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। ये दिसंबर 2023 के बाद से किसी एक महीने में सबसे ज्यादा बढ़त हो सकती है। हालांकि, इस तेजी में छोटे और मिडकैप कंपनियों के शेयरों ने बाजी मारी है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 9.5 प्रतिशत और निफ्टी मिडकैप 100 करीब 7 प्रतिशत चढ़ चुका है।
तेजी में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बड़ा योगदान
आज की तेजी में सबसे अहम भूमिका रही रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की। कंपनी के शेयरों में 4.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ नया रिकॉर्ड बन गया। इसकी वजह से मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली इस कंपनी का मार्केट कैपिटल (बाजार पूंजीकरण) 20.5 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया।
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ही रिलायंस का वेटेज दूसरा सबसे ज्यादा है और आज की बढ़त में इसका 50% से ज्यादा योगदान रहा। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और एक्सिस बैंक के शेयर भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए।
बाजार की तेजी के कारण क्या हैं?
बाजार के जानकारों का कहना है कि शेयरों की तेजी की वजह बड़े निवेशकों द्वारा भरोसेमंद कंपनियों (ब्लू-चिप) के शेयरों में जमकर खरीदारी है। साथ ही, रिलायंस इंडस्ट्रीज की आगामी सालाना बैठक (AGM) में बड़ी घोषणाओं की उम्मीद ने भी तेजी को बल दिया। टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों में बढ़त, टैरिफ बढ़ोतरी की उम्मीदों को लेकर है।
बाजार के विशेषज्ञों की राय
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, “बड़े शेयरों में तेजी के दम पर घरेलू बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। इन बड़े शेयरों का मूल्यांकन (वैल्यूएशन) भी अपेक्षाकृत रूप से सही है। वहीं, मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली देखी गई, क्योंकि इनके वैल्यूएशन को लेकर चिंता है।”
उन्होंने आगे कहा, “वित्तीय और उपभोक्ता कंपनियों के शेयरों में तेजी आ रही है। इसकी वजह इन कंपनियों की मजबूत बैलेंस शीट, जीडीपी ग्रोथ को लेकर मजबूत अनुमान और घटती महंगाई है। वैश्विक बाजार का रुझान भी कुछ ऐसा ही है, जहां जल्द ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है।”
आर्थिक आंकड़ों में सुधार ने भी बाजार के सेंटिमेंट को मजबूत किया है। इस हफ्ते मार्च तिमाही के चालू खाता घाटे (करंट अकाउंट डेफिसिट) के आंकड़े जारी हुए थे। जिसने बाजार की धारणा को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। दरअसल, 10 तिमाहियों में पहली बार भारत चालू खाते में सरप्लस दर्ज करने में सफल रहा है।
आगे की राह क्या रहेगी?
रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्च के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजित मिश्रा ने कहा, “कुछ चुनिंदा बड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी के कारण ही इंडेक्स ऊपर जा रहा है, खासकर रिलायंस इंडस्ट्रीज का इसमें काफी अहम योगदान है। जून महीने के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की मासिक समाप्ति गुरुवार को होने वाली है, जिस वजह से कुछ उतार-चढ़ाव रहने की आशंका है।
इसके बावजूद, हमारा सुझाव है कि गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनाई जा सकती है, लेकिन ध्यान रखें कि किन सेक्टरों और किन विषयों पर आधारित कंपनियों के शेयर खरीदने हैं, ये रणनीति बनाकर चलें।”
विश्लेषकों का कहना है कि आगे भी रिटेल और संस्थागत दोनों तरह के निवेशकों का बाजार को समर्थन मिलता रहेगा। हालांकि, आज के कारोबार में Market Breadth मिलाजुली रही, 1,960 शेयरों में गिरावट आई जबकि 1,922 शेयर बढ़े। आने वाले समय में, केंद्रीय बजट और कंपनियों की तिमाही नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे।