मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (Oppo) ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल को बताया कि एडुटेक कंपनी बायजूज (Byju’s) का उसके पास 13 करोड़ रुपये बकाया है। यह बकाया ओप्पो के फोन पर बायजूज के मोबाइल ऐप को प्री-इंस्टॉल करने से जुड़ा है। नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने इससे जुड़ी याचिका को 3 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। NCLT की बेंगलुरु शाखा ने कहा कि 27 जून को दिन बायजूज का दिन है, क्योंकि इस दिन तकरीबन 10 याचिकाओं की सुनवाई हो रही है।
ओप्पो ने इस सिलसिले में NCLT से तत्काल ऑर्डर जारी करने की मांग की है, क्योंकि उसका कहना है कि कंपनी के प्रमोटर्स ‘फरार’ हैं और वे अब भारत में नहीं रहते हैं। ओप्पो के मुताबिक, बायजूज ने फोन पर ऐप को प्री-इंस्टॉल करने के लिए इस मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी से समझौता किया था। हालांकि, बायजूज ने समझौते के मुताबिक तय रकम का भुगतान नहीं किया।
ओप्पो का कहना है कि बायजूज ने यह स्वीकार किया है कि उसके पास कंपनी का बकाया है। लिहाजा, मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के लिए एडुटेक कंपनी को इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस में भेजने का सीधा मामला बनता है। बहरहाल, वरिष्ठ वकील प्रमोद नायर ने ओप्पो के वकील के उस भाषा पर आपत्ति जताई, जिसमें बायजूज के प्रमोटर्स के लिए ‘फरार’ शब्द का इस्तेमला किया गया था। उन्होंने बायजूज से हाजुड़े सभी मामलों पर स्थगन की मांग की, जिनकी सुनवाई 3 जुलाई को होनी है।
NCLT को 26 जून को बताया गया था कि बायजूज ने फ्रांस की कंपनी टेलीपरफॉर्मेंस बिजनेस सर्विसेज के साथ मामला निपटा लिया है और याचिका जल्द ही वापस ली जा सकती है। हालांकि, इसी दिन एक और बिजनेस सर्विस प्रोवाइडर iEnergizer ने दिवालिया घोषित करने संबंधी नई याचिका दायर की है।