सरकार रेल, फर्टिलाइजर और डिफेंस सेक्टर की चुनिंदा सरकारी कंपनियों में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेगी। जिन कंपनियों में हिस्सेदारी बेची जाएगी, उनमें मझगांव शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) भी शामिल है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि मौजूदा फिस्कल ईयर में ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये यह हिस्सेदारी बेची जाएगी।
अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि केंद्र सरकार इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC), नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (RCF) में भी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है।
अधिकारी ने बताया, ‘सरकार ऑफर फॉर सेल पर फोकस कर सकती है। स्ट्रैटेजिक सेल्स के तहत विभिन्न चरणों में काम चल रहा है। कुछ ऑफर फॉर सेल इस साल होंगी। IIRFC में हिस्सेदारी की बिक्री होगी। सरकार इस साल OFS के जरिये NFL और RCF में भी हिस्सेदारी बेचेगी। मझगांव डॉक में ऑफर फॉर सेल के लिए पिछले साल से डिफेंस मिनिस्ट्री के साथ बातचीत चल रही है।’ मझगांव शिपबिल्डर्स में ऑफर फॉर सेल को लेकर मंत्रालय के पास कुछ आपत्तियां हैं, जिन्हें ठीक किया जा रहा है।
बहरहाल, केंद्रीय बजट में विनिवेश के लिए कोई टारगेट तय नहीं किया जाएगा, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक नॉन-डेट कैपिटल से 50,000 करोड़ के लक्ष्य का अनुमान है। अधिकारी ने बताया कि विनिवेश को लेकर बजट से पहले की मीटिंग जल्द होगी। कुल पूंजीगत आमदनी में संपत्तियों की बिक्री, विनिवेश आदि से हासिल होने वाली रकम शामिल है। दूसरी तरफ, PSU डिविडेंड को बजट में नॉन-टैक्स रेवेन्यू के तहत अलग कैटगरी में रखा जाता है।
सरकार IRFC की अपनी 11.36 पर्सेंट हिस्सेदारी बेच सकती है, जिससे सरकार को तकरीबन 7,600 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। फिलहाल इस कंपनी में केंद्र सरकार की 86.36 पर्सेंट हिस्सेदारी है। यह रेलवे की फाइनेंसिंग इकाई है।