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IIFL सिक्योरिटीज के शेयरों में गिरावट, संजीव भसीन के खिलाफ SEBI ने ‘पंप एंड डंप’ मामले में शुरू की जांच

IIFL Securities Shares: आईआईएफएल सिक्योरिटीज के शेयर आज 27 जून को करीब 2 फीसदी तक लुढ़ककर 222 रुपये के भाव पर आ गए। कंपनी के शेयरों में यह गिरावट इस खबर के बाद आई है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने शेयर बाजार में कथित हेरफेर के आरोप में मार्केट एक्सपर्ट संजीव भासीन (Sanjiv Bhasin) के खिलाफ जांच शुरू की है। संजीव भासीन हाल फिलहाल तक IIFL सिक्योरिटीज के साथ जुड़े हुए थे। रिपोर्टों के मुताबिक, SEBI ने भसीन के खिलाफ शेयर बाजार में हेरफेर और फ्रंट-रनिंग के आरोपों के मामले में जांच शुरू की है। इसके लिए उसने सबूतों के तौर पर उनके डिजिटल डिवाइस की जांच की है।

भसीन ने अपने खिलाफ जांच की सूचना जब IIFL सिक्योरिटीज को दी, तो उसके बाद ब्रोकरेज ने उनके कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर दिया। उनका कार्यकाल 30 जून 2024 को समाप्त होना था। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उनके कॉन्ट्रैक्ट को समय से पहले 17 जून, 2024 को ही समाप्त कर दिया गया।

IIFL सिक्योरिटीज के शेयरों में इस साल अबतक करीब 55 फीसदी की तेजी आ चुकी है। यह बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन है, जो इस साल अबतक करीब 9 फीसदी चढ़ा है।

रिपोर्ट के अनुसार, SEBI ने भसीन के खिलाफ शेयर बाजार में हेरफेर और फ्रंट-रनिंग के आरोपों की जांच की है। इसके लिए उसने सबूतों के तौर पर उनके डिजिटल डिवाइस की जांच की है। शुरुआती जांच से पता चला है कि भसीन पहले एक निजी कंपनी को कुछ शेयर खरीदने का निर्देश देते थे, फिर वह टीवी पर आकर दर्शकों के सामने उन्हीं शेयरों की सिफारिश करते थे। जब शेयरों में रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ जाती थी और उसकी कीमत ऊपर चली जाती थी, तो फिर वह निजी कंपनी इन शेयरों को बेचकर निकल जाती थी।

भसीन ने कई मीडिया प्लेटफॉर्म पर अक्सर IIFL सिक्योरिटीज का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखाई देते थे और वह तमाम बिजनेस टीवी चैनलों पर नियमित रूप से मार्केट गेस्ट के रूप में भी शामिल होते रहे हैं।

IIFL सिक्योरिटीज ने एक बयान में कहा, “भसीन ने हमें SEBI की जांच के बारे में जानकारी दी, लेकिन उससे जुड़े डिटेल्स हमें नहीं बताया गया। इसलिए, हम इस पर टिप्पणी नहीं कर पाएंगे। हम यह बताना चाहेंगे कि वह IIFL सिक्योरिटीज लिमिटेड या हमारी ग्रुप की किसी अन्य कंपनी या सहयोगी कंपनी के बोर्ड के सदस्य नहीं थे।”

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