इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली अमेरिकी कंपनी, रिवियन ऑटोमोटिव इंक (Rivian Automotive Inc) के शेयरों में मंगलवार को भारी तेजी आई। कंपनी के शेयर एक दिन में 50% उछल गए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी इस ऐलान के बाद दिग्गज जर्मन ऑटो कंपनी वोक्सवैगन एजी ने इसमें 5 अरब डॉलर का निवेश की घोषणा की है। तमाम मुश्किलों से जूझ रही रिवियन ऑटोमोटिव इंक को इस निवेश से बड़ा सहारा मिलेगी। वोक्सवैगन ने एक बयान में कहा कि वह तुरंत 1 बिलियन डॉलर जारी करेगा, जबकि बाकी राशि समय के साथ जारी की जाएगी।
इस निवेश से रिवियन को वोक्सवैगन के साथ एक ज्वाइंट वेंचर बनाने में मदद मिलेगी। दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इस ज्वाइंट वेंचर का नियंत्रण और स्वामित्व दोनों के पास बराबर रहेगा और इसका उद्देश्य अगली पीढ़ी के बैटरी चालित वाहन और सॉफ्टवेयर विकसित करना है।
सोमवार को अमेरिकी स्टॉक मार्केट के बंद होने तक, रिवियन के शेयरों की कीमत इस साल अबतक घटकर करीब आधी रह गई थी। वोक्सवैगन का शुरुआती निवेश एक अनसिक्योर्ड कनवर्टिबल नोट के रूप में होगा, जो जो 1 दिसंबर को या उसके बाद रिवियन के इक्विटी शेयरों में बदल जाएगा। फिलहाल रिवियन की सबसे बड़ा शेयरधारक Amazon.com Inc है, जिसके पास कंपनी की 16% हिस्सेदारी है।
बता दें कि रिवियन का आईपीओ साल 2021 में आया था और यह उस साल दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ था। कंपनी का यह IPO 13.7 अरब डॉलर के वैल्यूएशन परर आया था और इसके शेयरों का इश्यू प्राइस 79 डॉलर था। शेयर बाजार में उस समय इसे टेस्ला की राइवल कंपनी के तौर पर देखा जा रहा था, जिसके कारण इसके शेयरों की काफी मांग थी।
लिस्टिंग के बाद 15 दिनों के अंदर ही Rivian के शेयरों का भाव 179 डॉलर पर पहुंच गया था और कंपनी की वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गई थी। यह तब मार्केट कैप के आधार पर टेस्ला के बाद दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी थी। एक समय तो इसकी वैल्यूएशन फोर्ड और जनरल मोटर्स से भी अधिक हो गई थी।
हालांकि आज रिवियन के शेयर 179 डॉलर के शिखर से लुढ़कर 10 डॉलर पर आ गए हैं। इसने अपने शेयरहोल्डरों की लगभग अधिकतर वैल्यू डूबा दी है। साल 2009 में कारोबार शुरू करने के बाद से आज तक रिवियन ने किसी तिमाही में मुनाफा नहीं दर्ज किया है। हालिया मार्च तिमाही में इसने 1.5 अरब डॉलर का घाटा दर्ज किया था।