टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल, टेलिकॉम टावर कंपनी इंडस टावर्स में 3 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए वोडाफोन Plc के साथ बातचीत कर रही है। यह जानकारी CNBC TV18 को सोर्सेज के हवाले से मिली है। हाल ही में ब्रिटेन के वोडाफोन समूह ने ब्लॉक डील में इंडस टावर्स में 18 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी लगभग 15,300 करोड़ रुपये में बेची थी। वोडाफोन समूह के पास अब इंडस टावर्स में 3.1 प्रतिशत हिस्सेदारी रह गई है। सौदे के तहत वोडाफोन ग्रुप (Vodafone Group) ने 48.47 करोड़ शेयर बेचे।
इस सौदे में भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने लगभग 2.69 करोड़ शेयरों की खरीद के साथ इंडस टावर्स (Indus Towers) में अपनी हिस्सेदारी 1 प्रतिशत बढ़ा ली। इंडस टावर्स में अब भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 47.95 प्रतिशत से बढ़कर 48.95 प्रतिशत हो गई है। प्रस्तावित अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीद से भारती एयरटेल 52 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इंडस टावर्स में मेजॉरिटी स्टेकहोल्डर बन जाएगी।
CNBC TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरटेल अपने डेटा सेंटर बिजनेस Nxtra के साथ इंडस टावर्स का विलय करने की योजना बना रही है। एयरटेल का लक्ष्य इस विलय के माध्यम से अपने टेलिकॉम बिजनेस एसेट को हल्का बनाना है। इसके अलावा, इंडस टावर्स की नकदी का इस्तेमाल Nxtra के विस्तार के लिए किया जाएगा। इस विलय से वैल्यू तो अनलॉक होगी ही, साथ ही प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल को एग्जिट करने का मौका भी मिलेगा। कार्लाइल ने 2020 में नेक्स्ट्रा में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी।
वोडाफोन गुप कहां करेगा बिक्री से हासिल आय का इस्तेमाल
दूसरी ओर वोडाफोन गुप, इंडस टावर्स में हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त आय का इस्तेमाल इंडस टावर्स को बकाया चुकाने के लिए कर सकता है। हाल ही में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वोडाफोन समूह अपने भारी कर्ज को कम करने के लिए एक रणनीतिक कदम के तहत इंडस टावर्स में अपनी पूरी 2.3 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है। इस हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त आय वोडाफोन के 42.17 अरब डॉलर के शुद्ध ऋण को कम करने के लिए निर्धारित की गई है। 2022 में, वोडाफोन ने इंडस टावर्स में अपनी तत्कालीन 28 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने के इरादे की घोषणा की थी, लेकिन पिछले सप्ताह तक प्रगति धीमी रही।