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टॉप-10 कंपनियों में 3 की वैल्यू ₹1.06 लाख करोड़ बढ़ी: HDFC और ICICI बैंक टॉप गेनर, रिलायंस का मार्केट-कैप ₹32,271 करोड़ कम हुआ

पिछले हफ्ते 641 अंक बढ़ा सेंसेक्स

बीते कारोबारी हफ्ते मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 3 का मार्केट कैप कंबाइंड रूप से ₹1,06,125.98 करोड़ (₹1.06 लाख करोड़) बढ़ा है। इस दौरान HDFC बैंक मार्केट का टॉप गेनर रहा है।

 

इसके वैल्यूएशन में ₹52,092 करोड़ का इजाफा हुआ है। अब इसका मार्केट कैप ₹12.67 लाख करोड़ हो गया है। इसके अलावा, ICICI बैंक का ₹36,119 करोड़ बढ़कर ₹8.14 लाख करोड़ और इंफोसिस का मार्केट कैप ₹17,915 करोड़ बढ़कर ₹6.36 लाख करोड़ हो गया है।

₹32,271 करोड़ गिरी रिलायंस की मार्केट वैल्यू
वहीं, इस दौरान इस लिस्ट की 7 कंपनियों का मार्केट कैप ₹1,01,769 करोड़ गिरा है। इसमें टॉप लूजर रिलायंस इंडस्ट्रीज रही है। इसके वैल्यूएशन में ₹32,271.31 करोड़ की कमी आई है।

रिलायंस के अलावा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), भारती एयरटेल, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), LIC, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) और ITC के मार्केट वैल्यूएशन में गिरावट हुई है।

पिछले हफ्ते 641 अंक बढ़ा सेंसेक्स
पिछले हफ्ते सेंसेक्स में 217.13 अंक या 0.28 की तेजी रही थी। वहीं, हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार 21 जून को निफ्टी ने 23,667 का रिकॉर्ड स्तर छुआ। हालांकि, दिनभर के दिनभर के कारोबार के बाद यह नीचे आया और 65 अंक की गिरावट के साथ 23,501 के स्तर पर बंद हुआ।

वहीं, सेंसेक्स में भी 269 अंक की गिरावट रही, ये 77,209 के स्तर पर बंद हुआ। इसके 30 शेयरों में 20 में गिरावट और 10 में तेजी देखने को मिली। सरकारी बैंक के शेयर्स में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।

मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।

मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)

मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।

कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।

मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

 

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