Gen Z vs Millennials: मार्केट में निवेश के कई विकल्प हैं। हर निवेशक अपनी उम्र, पूंजी और रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से पैसे लगाते हैं। हालांकि कुछ ही वर्षों के अंतराल में भी निवेश के तरीकों में काफी अंतर आ जा रहा है। जैसे कि जेन जी (Gen Z) और मिलेनियल्स की बात करें तो उनके खर्च करने के तरीकों और ब्रांड च्वाइस में काफी भिन्नता तो है, साथ ही निवेश के तरीकों में भी है। मिलेनियल्स का मतलब 1981 से 1996 के बीच पैदा हुए बच्चे और जेन जी का मतलब 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए बच्चे हैं। मिलेनियल्स टेक्नोलॉजी और इनोवेशन से जुड़े हुए हैं तो जेन जी आंत्रप्रेन्योरशिप से जुड़े हैं और अधिक रिस्क ले रहे हैं।
मिलेनियल्स कहां लगा रहे हैं पैसे?
4 Thoughts Finance की फाउंडर और सीईओ स्वाति सक्सेना का कहना है कि मिलेनियल्स का जुड़ाव तकनीक और इनोवेशन से है। इस पीढ़ी ने एपल और एमेजॉन जैसे डिजिटल दिग्गजों को अपने सामने बढ़ते हुए देखा है और वे टेक स्टॉक्स और डिसरप्टिव इंडस्ट्रीज में पैसे लगाना पसंद करते हैं। चूंकि उन्हें डिजिटल ग्रोथ के बारे में अच्छी तरह से पता है तो वे टेक से जुड़े निवेश की तरफ आकर्षित होते हैं। उनके पोर्टफोलियो में अधिकतर एआई, ई-कॉमर्स और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर्स की कंपनियां हैं।
जेन जी का क्या है इनवेस्टमेंट अप्रोच?
जेन जी आंत्रप्रेन्योरशिप की तरफ आकर्षित हैं और उनकी रिस्क लेने की क्षमता काफी अधिक है। इनका रुझान स्टार्टअप्स, क्रिप्टोकरेंसी और दूसरे हाई ग्रोथ वाले सेक्टर्स हैं। स्वाति के मुताबिक जेन जी के निवेशक उभरती इंडस्ट्रीज और डिसरप्टिव टेक्नोलॉजीज के समर्थक हैं। उनके पोर्टफोलियो में फिनटेक स्टार्टअप्स, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल वेंचर्स में निवेश है।
Gen Z vs Millennials: अलग-अलग हैं लॉन्ग टर्म लक्ष्य
स्वाति के मुताबिक जेन जी और मिलेनियल्स के लॉन्ग टर्म लक्ष्य में भी काफी फर्क है। जैसे कि मिलेनियल्स का प्रॉयोरिटी में रिटायरमेंट प्लानिंग और रियल एस्टेट निवेश के जरिए लॉन्ग टर्म फाइेंशियल स्टैबिलिटी है तो जेन जी बिजनेस शुरू करने, हाई एडुकेशन के लिए फंडिंग और जल्द से जल्द वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने के लक्ष्य पर फोकस किए हुए है।
दोनों के अप्रोच में एक अहम अंतर जानकारी के स्रोत को लेकर भी है। दोनों ही पारंपरिक और डिजिटल स्रोत के जरिए निवेश से जुड़ी जानकारी जुटाते हैं। हालांकि मिलेनियल्स रोबो एडवाइजर्स, फाइनेंशियल ब्लॉग्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इससे जुड़े टिप्स जुटाते हैं तो दूसरी तरफ जेन जी कंपनी की रिपोर्ट्स, डायरेक्ट रिसर्च और पियर रेकमंडेशंस पर जाते हैं।