आम चुनाव के नतीजों के बाद मजबूत वापसी करते हुए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जून में अब तक भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 12,170 करोड़ रुपये डाले हैं। नीतिगत मोर्चे पर निरंतरता और सतत आर्थिक वृद्धि की उम्मीद में FPI का भारतीय शेयर बाजारों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। इससे पहले मई में चुनावी नतीजों को लेकर अनिश्चितता के बीच FPI ने शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। वहीं मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में निरंतर वृद्धि की चिंताओं के बीच उन्होंने अप्रैल में शेयरों से 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली थी।
FPI ने इस साल मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जबकि जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि ताजा निवेश के बाद 2024 में FPI की शेयरों से निकासी 21 जून तक 11,194 करोड़ रुपये रही है।
क्या मानते हैं एक्सपर
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, MojoPMS के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर सुनील दमानिया ने कहा कि वर्तमान में भारतीय शेयर बाजार की हाई वैल्यूएशंस के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का फ्लो प्रभावित रहेगा। फिडेलफोलियो के स्मॉलकेस मैनेजर और फाउंडर किसलय उपाध्याय का कहना है कि हालांकि आम चुनाव के नतीजे एक तरह से आश्चर्यचकित करने वाले थे, लेकिन बाजार स्थिर सरकार के गठन का जश्न मना रहा है।
डेट मार्केट को लेकर कैसा मिजाज
आंकड़ों के अनुसार, जून में अब तक FPI ने ऋण या बॉन्ड बाजार में 10,575 करोड़ रुपये डाले हैं। मई महीने में FPI ने डेट मार्केट में 8,761 करोड़ रुपये डाले थे। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने मार्च में बॉन्ड बाजार में 13,602 करोड़ रुपये, फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया था।