केंद्र सरकार उन सरकारी कंपनियों (PSU) में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है, जिनमें अभी उसकी हिस्सेदारी काफी ज्यादा है। कैपिटल मार्किट पार्टिसिपेंट्स ने यूनियन बजट 2024 से पहले फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण को यह सलाह दी है। मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने 20 जून को बजट से अपनी उम्मीदों के बारे में वित्तमंत्री को बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को उन पीएसयू में अपनी हिस्सेदारी घटाने की जरूरत है, जिनमें अभी उसकी बहुत ज्यादा हिस्सेदारी है। इसकी वजह यह है कि ट्रेडिंग के लिए कम शेयर (लो फ्लोट) मार्केट में उपलब्ध होने की वजह से इन कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। एक सूत्र ने मनीकंट्रोल को इस बारे में बताया।
सरकारी कंपनियों के शेयरों में आई है जबर्दस्त तेजी
पिछले एक-डेढ़ साल में पीएसयू (PSU) कंपनियों के शेयरों की कीमतों में जबर्दस्त उछाल आया है। इससे उनकी वैल्यूएशन काफी बढ़ गई है। मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने वित्तमंत्री से इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 9ए के तहत सेफ हार्बर क्लॉज (Safe Harbour clause ) पर भी दोबारा विचार करने की सलाह दी। यह क्लॉज ऑफशोर फंडों को इंडिया आने से रोकता है। ‘सेफ हार्बर’ रीजीम की शुरुआत 2015 में हुई थी। इसे इंडिया से ऑपरेट करने वाले ऑफशोर फंडों की मैनेजमेंट एक्टिवीटीज को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया था।
ग्रामीण इलाकों में खबत बढ़ाने के उपाय जरूरी
म्यूचुअल फंड मैनेजर्स ने सरकार से रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में बदलाव करने की भी मांग की है ताकि वे पेंशन स्कीम शुरू कर सकें। दरअसल, एसेट मैनेजमेंट कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स का दायरा बढ़ाना चाहती हैं। सीएनबीसी-टीवी18 ने यह खबर दी है। इस बारे में एक सूत्र ने बताया कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को ग्रामीण इलाकों में खपत (Consumption) बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया। मार्केट पार्टिसिपेट्स ने यह भी कहा कि सरकार को अपना पूंजीगत खर्च जारी रखना चाहिए। गिफ्ट सिटी पर भी फोकस बढ़ाने की सलाह वित्तमंत्री को दी गई।
फाइनेंशियल इनक्लूजन प्रोग्राम शुरू करने की सलाह
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मीटिंग में मौजूद कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी निलेश शाह ने बताया कि वित्तमंत्री को एक फाइनेंशियल इनक्लूजन प्रोग्राम शुरू करने की भी सलाह दी गई। उन्होंने कहा, “मैंने वित्तमंत्री को बताया कि सेबी के तहत म्यूचुअल फंडों ने वित्तीय जागरूकता बढ़ाने का काम किया है। हमने विकसित भारत के सफर से 4 करोड़ से ज्यादा भारतीयों को जोड़ा है और उनके फाइनेंशियल फ्रीडम के उपाय किए हैं। हम फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए बड़ी संख्या में भारतीयों तक पहुंच बनाना चाहते हैं।”